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श्री रावतपुरा सरकार इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस में घोटाला फूटने का असर छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था पर भी पड़ेगा। हालांकि यह पॉजिटिव ही होगा। दरअसल इस घोटाले के कारण छत्तीसगढ़ में ऐसा सिस्टम डेवलप हुआ है जिससे छत्तीसगढ़ को नया CS यानी मुख्य सचिव मिल सकता है। हालांकि यह संभव तभी होगा जब घोटाले के एक प्रमुख आरोपी और रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला को सरकार उनके पद से हटा दे।
कैसे होगा सम्भव...
श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के घोटाले में वर्तमान रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला का भी नाम है। उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। ऐसे में सरकार अगर उन्हें पद से हटाती है या वे खुद इस पद से इस्तीफा देते हैं। तो ऐसे लोगों के लिए भी रास्ता खुल जाएगा जो लंबे समय से रिटायरमेंट के बाद किसी प्रभावशील पद पर जाना चाहते हैं। उसमें से प्रमुख नाम छग के मुख्य सचिव अमिताभ जैन का भी है। अगर रेरा अध्यक्ष का पद खाली हो जाता है तो सरकार मुख्य सचिव अमिताभ जैन को वहां भेज सकती है। उसके बाद सरकार नया मुख्य सचिव की प्रक्रिया करेगी।
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अमिताभ जैन की पहली पसंद रेरा...
बीते दिनों अमिताभ जैन के सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मुख्य सूचना आयुक्त के रिक्त पद पर पदस्थ किया जाना था। लेकिन मामला कोर्ट में होने के कारण यह संभव नही हुआ। ऐसे में उन्हें मुख्य सचिव के रूप में तीन माह का एक्टेंशन दे दिया गया। वैसे अमिताभ जैन की पहली पसंद RERA ही रही है। लेकिन विवेक ढांड ने कांग्रेस शासनकाल में अपनी नजदीकियों का फायदा उठाते हुए अपने स्थान पर अपने खास चहेते अधिकारी IFS संजय शुक्ला को रेरा का अध्यक्ष बनवा दिया ताकि उनका दबदबा बिल्डरों कालोनाईजरों के बीच बना रहे।
पूर्व DGP का भी रास्ता साफ...
पूर्व DGP अशोक जुनेजा ने जिन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त के लिए इंटरव्यू दिया था। यदि अमिताभ जैन को रेरा अध्यक्ष की कुर्सी मिल जाती है तो पूर्व DGP अशोक जुनेजा के मुख्य सूचना आयुक्त रास्ता बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि कोर्ट से मामला फाइनल होने के बाद ही शासन उसपर कुछ कार्रवाई कर सकेगी। सूत्रों का कहना है कि अशोक जुनेजा हाई कोर्ट में लगे स्टे हटवाने में लगे हुए हैं।
रिटायरमेंट के बाद प्रभावशील पद की लालसा..
रिटायरमेंट के बाद एक प्रभावशील पद पानी की लालसा लगभग सभी बड़े अधिकारियों में होती है। जिसके कारण से न केवल वे जोड़-जुगत में लगे रहते हैं। बल्कि कई जगह इंटरव्यू भी देते हैं। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त भी इन्हीं पद में से एक है। इसके लिए पूर्व डीजीपी अशोक जुनेजा ने इंटरव्यू भी दे कर रखा है। हालांकि बताया जा रहा है कि अमिताभ जैन भी उस पद को पाने की चाह में है। लेकिन मामला कोर्ट में है, और ऐसे में सरकार जब सभी को संतुष्ट करना चाहती है वैसे में अभी इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है।
संवैधानिक पद है रेरा अध्यक्ष..
छग राज्य भू संपदा विनियामक प्राधिकरण यानी रेरा का पद संवैधानिक पद है। जो भू सम्पत्ति मालिक और कॉलोनाइजर के बीच विवाद को न केवल सुलझाता है बल्कि अवैध कॉलोनियों और कॉलोनाइजर पर कार्रवाई भी करने का अधिकार रखता है। इस वजह से संजय शुक्ला को आसानी से पद से नहीं हटाया जा सकता था। लेकिन अब FIR के बाद या तो संजय शुक्ला खुद पद से इस्तीफा देंगे या शासन प्रक्रिया कर उन्हें पद से हटाएगी।
रिश्वत कांड में फंसे हैं संजय शुक्ला
मूल रूप से रिटायर्ड IFS अधिकारी संजय शुक्ला श्री रावतपुरा सरकार के अनुयायियों में से एक हैं। CBI ने फिलहाल श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के पदाधिकारियों के खिलाफ 16.2 करोड़ के रिश्वत कांड में उन्हें भी शामिल किया है।
3 महीने का एक्सटेंशन समाप्त होने में समय..
बताया जा रहा है कि जेल के बंद संजय शुक्ला को पद से हटाने में शासन जो प्रक्रिया करेगा उसमे 1 से डेढ़ महीने का समय लग सकता है। तब तक मुख्य सचिव अमिताभ जैन के 3 महीने का एक्सटेंशन पीरियड भी समाप्त होने के कगार पर आ जाएगा। ऐसे में उनके भविष्य में रेरा अध्यक्ष बनने की संभावना बढ़ गई है।
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