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CG NHM employees Strike: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission- NHM) के 16 हजार संविदा कर्मचारी 18 अगस्त से अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अब कड़ा रुख अपनाते हुए सभी हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वे 16 सितंबर तक काम पर लौटें, अन्यथा उन्हें एक महीने की नोटिस देकर नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। साथ ही आदेश दिया गया है कि हड़ताल की अवधि में कर्मचारियों को वेतन का भुगतान भी नहीं किया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित
हड़ताल का सीधा असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा है। मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर कम करने, मलेरिया-टीबी की रोकथाम, और टीकाकरण कार्यक्रम जैसे अहम काम प्रभावित हो गए हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में केवल 38 फीसदी कर्मचारी ही उपस्थित हैं, जबकि अधिकांश संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
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सरकार ने मान ली थीं आधी मांगें
हड़ताल के दौरान सरकार ने कर्मचारियों की 10 में से 5 मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद कर्मचारी इस बात पर अड़े हुए हैं कि सभी 10 मांगें पूरी होने के बाद ही वे काम पर लौटेंगे। इस बीच कई कर्मचारी संगठन पदाधिकारियों की बर्खास्तगी के बाद सामूहिक इस्तीफा भी दे चुके हैं।
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कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- एनएचएम कर्मचारियों ने कई अहम मांगें रखी हैं, जिनमें –
- संविलियन और स्थायीकरण
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- ग्रेड पे निर्धारण और पारदर्शी मूल्यांकन
- 27% लंबित वेतन वृद्धि
- अनुकंपा नियुक्ति, मेडिकल अवकाश और स्थानांतरण नीति
- न्यूनतम 10 लाख रूपए का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा
NHM कर्मचारियों की हड़ताल : मुख्य बातें
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विभाग में बढ़ी हलचल
एनएचएम से जुड़े कर्मचारियों की संख्या करीब 16 हजार है, जिनमें से 12 हजार सर्विस सेक्टर में कार्यरत हैं। ये स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम को संभालते हैं। हड़ताल 28वें दिन में पहुंच गई है और कर्मचारियों ने नाराजगी जताते हुए इच्छामृत्यु तक की मांग कर डाली है। सरकार और संगठन के बीच टकराव ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को संकट में डाल दिया है।