CG PSC Scam : सीबीआई के अनुसार पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के साथ ही बजरंग पावर एंड इस्पात के डॉयरेक्टर एसके गोयल को भी गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि इन की गिरफ्तारी भर्ती में चयन के लिए 45 लाख रुपए की रिश्वत देने के आरोप में हुए है। इस गिरफ्तारी की खबर लगते ही उद्योग जगत में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार श्रवण कुमार गोयल कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक हैं। उन्होंने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। वे 1 अक्टूबर, 2006 से उक्त कंपनी में निदेशक हैं। वे आगामी परियोजनाओं की पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन और निगरानी, सरकारी और निजी एजेंसियों के साथ संपर्क और संबंधित गतिविधियों को देखते हैं। कंपनी का दफ्तर बोर्जहरा में खसरा नंबर 173 - 178, उरला गुमा रोड, उरला ग्रोथ सेंटर, रायपुर बताया गया है।
सीबीआई ने ये लगाए हैं आरोप
जानकारी के अनुसार बजरंग पावर एंड इस्पात के डॉयरेक्टर एसके गोयल ने टामन सिंह के लिए लेनदेन का काम किया। आरोप तो यह भी है कि गोयल के मार्फत कई अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ। इन सिलेक्शन के लिए गोयल ने बिचोलिए की भूमिका निभाई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टामन सिंह को जिस 45 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, वह रकम गोयल की ओर से दी गई थी।
भाई भतीजे बने अफसर
अब इस फर्जीवाड़े की सतह में जाते हैं। इस फर्जीवाड़े ने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युवाओं के भविष्य पर डाका डाल दिया। चयन हुआ तो अध्यक्ष, राजनेता और अफसरों के भाई भतीजों और पुत्रो का। 2021 में ये परीक्षा हुई 2023 में रिजल्ट आया। रिजल्ट आते ही ये ये विवादों में घिर गया और इस पर सवाल खड़े हो गए। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की जिसमें इस चयन सूची पर गंभीर आपत्तियां और तथ्य पेश किए गए थे।
इस चयन सूची पर नज़र डालते हैं।
नितेश - चयन डिप्टी कलेक्टर
टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र
निशा कोशले - डिप्टी कलेक्टर
नितेश की पत्नी यानी टामन सिंह की बहू
साहिल - चयन डीएसपी
टामन सिंह के भाई के बेटे
दीपा - जिला आबकारी अधिकारी
टामन सिंह के भाई की बहू
सुनीति जोशी - श्रम अधिकारी
टामन सिंह की बहन की पुत्री यानी उनकी भांजी।
मीनाक्षी - डिप्टी कलेक्टर
टामन सिंह के करीबी की बेटी
इतना ही नहीं पूर्व सचिव के बेटे बहू, तत्कालीन सचिव के पुत्र, कांग्रेस नेताओं और अफसरों के पुत्रों के नाम भी चयनित उम्मीदवारों की सूची में आये हैं। यह मुद्दा विधानसभा चुनावों में खूब उछला और बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में ही इसकी जांच सीबीआई से कराने का एलान कर दिया। फिर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई ।
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