छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को जोड़ने के लिए रायपुर से लखनादौन तक 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस महत्वाकांक्षी परियोजना का सर्वे तीन अलग-अलग रूट्स पर करा रहा है। उम्मीद है कि करीब 300 किमी लंबा यह हाईवे रायपुर से बालाघाट होते हुए लखनादौन तक जाएगा। सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे दिल्ली मुख्यालय भेजा जाएगा।
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एक्सप्रेस-वे के संभावित रूट
सूत्रों के अनुसार, एक्सप्रेस-वे को लखनादौन-छपारा-सिवनी-बालाघाट-रजेगांव होकर निकाले जाने की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि निर्माण के दौरान सबसे छोटे और सुगम रूट को प्राथमिकता दी जाएगी। इस परियोजना पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, और इसे पांच साल के भीतर पूरा करने की योजना है।
दिल्ली से विशाखापट्टनम तक जुड़ने वाला नेटवर्क
यह एक्सप्रेस-वे भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-लखनादौन हाईवे से जुड़ जाएगा। इससे न केवल दिल्ली से रायपुर और विशाखापट्टनम तक की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच व्यापार और परिवहन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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एक्सप्रेस-वे के फायदे
- समय की बचत: रायपुर से लखनादौन की मौजूदा दूरी 340 किमी है, जिसे तय करने में 8 घंटे तक लगते हैं। नए एक्सप्रेस-वे के बनने से यह सफर सिर्फ 5 घंटे का हो जाएगा।
- बेहतर सड़क सुविधा: फिलहाल रायपुर से बेमेतरा, कवर्धा, चिल्फी और मंडला होकर यात्रा करनी पड़ती है, जहां सड़कों की स्थिति बेहतर नहीं है। नया हाईवे यात्रा को सुगम बनाएगा।
- कारोबार को बढ़ावा: यह परियोजना जबलपुर, मंडला, बालाघाट और रायपुर जैसे शहरों के बीच व्यापारिक गतिविधियों को तेज करेगी।
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जंगल और निजी जमीन का होगा कम अधिग्रहण
NHAI के अधिकारी इस परियोजना के लिए ऐसा मार्ग चुनने की कोशिश कर रहे हैं, जहां जंगल कम हों और अधिकतर सरकारी जमीन का उपयोग हो सके। इससे निजी निर्माण और जमीन अधिग्रहण की जरूरत कम होगी।
प्रस्तावित तीन रूट
- लखनादौन-धनौरा-केवलारी-उगली-कंजई-लालबर्रा-बालाघाट-रायपुर
- लखनादौन-नैनपुर-बैहर-मलाजखंड-रायपुर
- लखनादौन-छपारा-सिवनी-बरघाट-लालबर्रा-बालाघाट-रजेगांव-रायपुर
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