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Sukma Naxal Surrender:छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने 20 खूंखार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 9 महिला नक्सली भी शामिल हैं।
इन नक्सलियों पर कुल 33 लाख रूपए का इनाम घोषित था और ये कई बड़ी वारदातों में शामिल रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले कौन-कौन हैं?
आत्मसमर्पण करने वालों में 11 पुरुष और 9 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से एक एसीएम (एरिया कमांडर), चार पार्टी सदस्य और 15 अग्र संगठन सदस्य हैं। इनमें एक महिला नक्सली पीएलजीए बटालियन (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) की सक्रिय हार्डकोर सदस्य थी। इन सभी ने आज सुकमा पुलिस के सामने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
इनाम की राशि का विवरण:
आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों में से:
- दो नक्सलियों पर 8-8 लाख रूपए का इनाम था
- एक नक्सली पर 5 लाख रूपए का इनाम था
- चार नक्सलियों पर 2-2 लाख रूपए का इनाम था
- चार अन्य नक्सलियों पर 1-1 लाख रूपए का इनाम था
इस तरह, कुल 33 लाख रूपए के इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी है।
आत्मसमर्पण के पीछे के कारण:
सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे लगातार और तेज सर्चिंग ऑपरेशन के कारण नक्सलियों पर भारी दबाव बढ़ गया है। इसके अलावा, सरकार द्वारा चलाई जा रही पुनर्वास नीति और 'नियद नेल्लानार योजना' (आपकी भूमि, आपका गांव) योजना से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। बस्तर संभाग में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन की सफलता को देखते हुए, सुरक्षा बलों ने सर्चिंग ऑपरेशन को और तेज कर दिया है।
भारी बारिश के कारण नक्सलियों के छिपने की जगह कम हो गई है, जिससे वे बौखलाए हुए हैं। कई नक्सलियों को एनकाउंटर में मारे जाने का डर भी सता रहा है। इसी कारण वे सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाना चाहते हैं और आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में 20 नक्सलियों का सरेंडर: 5 मुख्य बातें-
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गृह मंत्री की डेडलाइन और ऑपरेशन में तेजी:
गौरतलब है कि, 20 जून को अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने मार्च 2026 तक "नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़" का लक्ष्य निर्धारित किया था। उन्होंने भारी बारिश के दौरान भी एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी रखने के आदेश दिए थे। इन लगातार ऑपरेशनों के चलते नक्सली अपना ठिकाना बदलने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे उनकी कमर टूट रही है।
सुकमा में हुआ यह सामूहिक आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि सरकार और सुरक्षा बलों की रणनीति सही दिशा में काम कर रही है और नक्सलवाद का सफाया करने में जल्द ही बड़ी सफलता मिल सकती है।
CG Naxalite surrender
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