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CG teacher promotion dispute: छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति और पोस्टिंग को लेकर लंबे समय से चल रही कानूनी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है। राज्य के 1478 'ई संवर्ग' शिक्षकों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
कोर्ट में चली लंबी बहस,अब फैसला जल्द
दुर्ग के रिटायर शिक्षक प्रकाश नारायण तिवारी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित कर लिया। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि प्राचार्य पद पर 65% की बजाय 100% पद 'ई संवर्ग' को दिए जाएं। हालांकि, इससे पहले डिवीजन बेंच ने स्पष्ट रूप से 65% 'ई संवर्ग', 25% लोकल बॉडी संवर्ग और 10% सीधी भर्ती का कोटा मान्य बताया है।
डिवीजन बेंच का स्पष्ट आदेश– सरकार का मापदंड सही
राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्राचार्य पदोन्नति के लिए बनाए गए नियमों को लेकर डिवीजन बेंच में पहले ही विस्तार से सुनवाई हो चुकी है। 9 जून से 17 जून तक चली सुनवाई में सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए सरकार के नियमों को वैध करार दिया गया। कोर्ट ने 30 अप्रैल को जारी 2813 प्राचार्य की सूची पर लगी रोक को हटाते हुए इसे बहाल किया।
रिटायरमेंट की भेंट चढ़े 437 शिक्षक
प्रमोशन की कानूनी उलझन के कारण जून तक 356 शिक्षक बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं। जुलाई में 81 और शिक्षक रिटायर हो जाएंगे, जिससे कुल संख्या 437 हो जाएगी। कोर्ट केस के कारण इन शिक्षकों का सपना अधूरा रह गया।
छत्तीसगढ़ के 75% स्कूल प्राचार्य विहीन
प्रदेश के 4783 हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में से 3576 स्कूलों में प्राचार्य का पद खाली है। 10 से 12 वर्षों से प्रमोशन नहीं होने के कारण स्कूलों की स्थिति प्रभावित हो रही है। यदि अदालत में रोक नहीं लगी होती तो 2813 स्कूलों को रेगुलर प्राचार्य मिल जाते।
छत्तीसगढ़ प्राचार्य पदोन्नति
छत्तीसगढ़ शिक्षक प्रमोशन विवाद क्या है? 5 पॉइंट्स में समझें:प्राचार्य पद पर प्रमोशन रुका: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने अप्रैल 2025 में 2813 शिक्षकों को प्राचार्य पद पर प्रमोशन देने की सूची जारी की थी, लेकिन इसे 1 मई को हाईकोर्ट ने स्थगित कर दिया। रिटायर्ड शिक्षक ने दी चुनौती: दुर्ग के रिटायर्ड शिक्षक प्रकाश नारायण तिवारी ने याचिका दायर कर 65% कोटा को चुनौती दी और 100% ई संवर्ग को पोस्टिंग देने की मांग की, जिससे मामला कानूनी पेंच में फंस गया। डबल बेंच ने 65% कोटा सही माना: हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के बनाए गए नियमों और 65% कोटे को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन फिर भी एकल बेंच में मामला लंबित रहा। 437 शिक्षक बिना प्रमोशन रिटायर: कानूनी विवाद के चलते 437 शिक्षक प्राचार्य बनने से पहले ही रिटायर हो गए, जिससे उनका लंबे समय से सपना अधूरा रह गया। 75% स्कूल प्राचार्यविहीन: प्रदेश के 75% यानी 3576 स्कूलों में आज भी नियमित प्राचार्य नहीं हैं, जिससे प्रशासनिक और शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। |
छत्तीसगढ़ शिक्षक प्रमोशन विवाद छत्तीसगढ़ शिक्षक पदोन्नति
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कई याचिकाएं खारिज, पदोन्नति के मापदंडों पर उठे सवाल
कुछ शिक्षकों ने बीएड की अनिवार्यता की मांग करते हुए याचिकाएं दाखिल की थीं, जिससे डीएलएड और बीटीआई वाले शिक्षक प्रमोशन से बाहर हो जाते। लेकिन कोर्ट ने साफ किया कि प्राचार्य प्रशासनिक पद है, और शैक्षणिक नहीं, इसलिए इस तर्क को नहीं माना गया।
महत्वपूर्ण तथ्य (फैक्ट फाइल):
- 4783 स्कूलों में प्राचार्य के पद स्वीकृत।
- 3576 स्कूलों में पद रिक्त (करीब 75%)।
- 30 अप्रैल 2025: 2813 शिक्षकों की प्रमोशन सूची जारी।
- 1478 'ई' संवर्ग व 1335 'टी' संवर्ग शिक्षकों को प्रमोशन।
- 437 शिक्षक अब तक बिना प्रमोशन के रिटायर।
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