छत्तीसगढ़ के तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, राजस्व कार्य ठप,आम जनता बेहाल

छत्तीसगढ़ में तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इससे प्रदेशभर में राजस्व से जुड़े कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं।

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Harrison Masih
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CG Tehsildars strike: छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की 17 सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुई हड़ताल अब अनिश्चितकालीन रूप ले चुकी है, जिससे राजस्व से संबंधित कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के सभी तहसील कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है।

हड़ताल के कारण आम लोगों को आय, जाति, मूल निवासी प्रमाण पत्र, जमीन की नकल, त्रुटि सुधार, वसीयत या बंटवारा जैसे जरूरी दस्तावेजों के काम में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों से तहसील कार्यालयों में आ रहे हितग्राहियों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।

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रायपुर तहसील कार्यालय में 10,000 से अधिक मामले पेंडिंग

मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर तहसील कार्यालय में 10 हजार से अधिक मामले लंबित हैं, लेकिन तहसीलदारों के हड़ताल पर होने के चलते कोई सुनवाई नहीं हो रही। बहुत से पक्षकार और वकील केवल पेशी की तारीख पता करने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के नहीं होने से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।

तहसीलदारों के कैबिन खाली,दफ्तरों में पसरा सन्नाटा

रायपुर तहसील कार्यालय के तहसीलदार राममूर्ति दिवान, राकेश देवांगन और अतिरिक्त तहसीलदार प्रकाश सोनी के कैबिन पूरी तरह खाली नजर आए। लोग अपने काम से आते रहे, लेकिन जब उन्हें अधिकारियों के नहीं होने की जानकारी मिली, तो निराश होकर लौट गए।

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वकील भी परेशान,कोर्ट का काम बढ़ा

हड़ताल का सीधा असर केवल आम नागरिकों पर नहीं, बल्कि वकीलों पर भी पड़ा है। पेशी की तारीखें जानने के लिए वकीलों को भी तहसील कार्यालय के कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। उनका कहना है कि पहले ही कोर्ट में काम का बोझ ज्यादा है और अब तहसील कार्यालय बंद होने से परेशानी और बढ़ गई है।

प्रदेशव्यापी असर,हर जिले में काम ठप

यह स्थिति केवल रायपुर तक सीमित नहीं है। पूरे प्रदेश के तहसील कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से ठप है। हड़ताल में सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार शामिल हैं। आम जनता का कहना है कि उन्हें पहले से ही दस्तावेजों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था और अब यह हड़ताल और भी मुश्किलें बढ़ा रही है।

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CG Tehsildars 17 demands strike

छत्तीसगढ़ में तहसीलदार क्यों हड़ताल पर हैं?

1. 17 सूत्रीय मांगों को लेकर नाराजगी
तहसीलदार और नायब तहसीलदार वेतनमान, पदोन्नति, सुरक्षा और कार्य व्यवस्था से जुड़ी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार से लंबे समय से जवाब की प्रतीक्षा कर रहे थे।

2. वेतनमान और भत्तों में सुधार की मांग
अधिकारियों का कहना है कि उनके वेतनमान और भत्ते अन्य विभागों की तुलना में कम हैं, जिससे वे खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

3. पदोन्नति और सेवा शर्तों में असंतोष
तहसीलदारों को समय पर पदोन्नति नहीं मिल रही, और सेवा नियमों में पारदर्शिता की कमी को लेकर वे नाराज हैं।

4. काम का दबाव, सुविधा कम
तहसील स्तर पर काम का अत्यधिक दबाव होने के बावजूद न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही तकनीकी सुविधाएं, जिससे कार्य भार और तनाव बढ़ता जा रहा है।

5. सरकार से समाधान नहीं मिलने पर मजबूरी में हड़ताल
लंबे समय से ज्ञापन और मांगपत्र देने के बावजूद सरकार द्वारा ठोस आश्वासन न मिलने पर तहसीलदारों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता चुना है।

छत्तीसगढ़ तहसीलदार हड़ताल तहसीलदारों की 17 सूत्रीय मांगे

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आंदोलन की प्रमुख मांगे

तहसीलदारों की 17 सूत्रीय मांगों में वेतनमान में सुधार, पदोन्नति नियमों में संशोधन, सुरक्षा की मांग, सुविधाओं में बढ़ोत्तरी, और प्रशासनिक सुधार जैसे मुद्दे शामिल हैं। जब तक इन मांगों पर सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तब तक यह हड़ताल जारी रहने की संभावना है।

स्थिति गंभीर होती जा रही है और यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो आम जनता की परेशानी और गहराती जाएगी।

FAQ

छत्तीसगढ़ में तहसीलदार किस कारण हड़ताल पर हैं?
छत्तीसगढ़ के तहसीलदार और नायब तहसीलदार वेतनमान, पदोन्नति, कार्य सुविधा और सुरक्षा से जुड़ी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
तहसीलदारों की हड़ताल से आम जनता को क्या परेशानी हो रही है?
हड़ताल के कारण जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र, भूमि नकल, त्रुटि सुधार और बंटवारा जैसे सभी राजस्व कार्य पूरी तरह बंद हैं, जिससे जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
तहसीलदारों की हड़ताल का असर किन जिलों में पड़ रहा है?
यह हड़ताल छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लागू है, जिससे रायपुर समेत पूरे प्रदेश के तहसील कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है।

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