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CG Weather Update:छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बारिश का दौर तेज होने जा रहा है। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 1 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया (Low Pressure Area) बनने की संभावना है। इसके चलते प्रदेश में अगले तीन दिनों तक बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है। अगले तीन दिनों तक गरज-चमक के साथ आंधी और बिजली गिरने का भी खतरा जताया गया है। कई इलाकों में झमाझम बारिश देखने को मिली।
28 जिलों में यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने बेमेतरा, दुर्ग, रायपुर, महासमुंद और बलौदाबाजार को छोड़कर पूरे प्रदेश में यलो अलर्ट जारी किया है। 28 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और तेज आंधी की चेतावनी दी गई है। लोगों को खुले मैदानों, पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहने की अपील की गई है।
पिछले 24 घंटे का हाल
बीते 24 घंटों में कई हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज हुई। नारायणपुर में सबसे अधिक 20 मिमी बारिश दर्ज की गई। राजधानी रायपुर में मंगलवार सुबह तेज धूप और उमस के बाद दोपहर से मौसम बदला। शाम होते-होते कई इलाकों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। देर रात फिर से बारिश का दौर देखने को मिला।
दोपहर 3 बजे के बाद रायपुर में हुई तेज बारिश ने सड़कें भिगो दीं।सुबह तक चटख धूप और उमस से लोग परेशान थे, लेकिन अचानक मौसम बदला और बादल छा गए।
जिलेवार बारिश की स्थिति
प्रदेश में अब तक औसतन 1167.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है।बेमेतरा सबसे सूखा जिला रहा, जहां 524.5 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 50% कम है।बलरामपुर में अब तक 1520.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 52% अधिक है।बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ जैसे जिलों में वर्षा सामान्य के आसपास दर्ज हुई है।
क्यों होती है खंड वर्षा?
स्थानीय बादल बनना – तेज गर्मी से भाप बनकर ऊपर जाती है और ठंडी होकर बादल बनाती है, जिससे छोटे क्षेत्र में ही बारिश होती है।
भू-आकृति का असर – पहाड़, नदी, जंगल वाली जगह नमी को रोक लेती है, जिससे वहीं बारिश होती है और आसपास सूखा रहता है।
हवा की दिशा – नमी से भरी हवा अगर किसी जगह रुक जाए तो वहीं वर्षा होती है।
तापमान और नमी का फर्क – ज्यादा नमी और तापमान में अचानक बदलाव से बादल फटकर बारिश कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में मानसून अपडेट: मुख्य बातें-
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क्यों गिरती है बिजली?
- बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण आपस में टकराकर इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा करते हैं।
- अलग-अलग चार्ज वाले बादलों की टक्कर से बिजली बनती है।
- कभी-कभी यह बिजली इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है।
- पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान बिजली को धरती तक खींचने का काम करते हैं।
- ऐसे समय में इनके पास जाने से खतरा बढ़ जाता है।
- मौसम विभाग ने लोगों को सुरक्षा के लिए घरों में रहने और सतर्क रहने की सलाह दी है।