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CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा। मौसम विभाग के अनुसार, इस दौरान रात का तापमान लगभग वही रहेगा जो अभी है। इसके बाद तापमान में 2 से 3 डिग्री तक गिरावट आ सकती है। यानी अगले हफ्ते से प्रदेश में ठंड और बढ़ेगी।
उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं आने लगी हैं, जिससे तापमान में गिरावट की संभावना बनी हुई है। वहीं दिन में हल्के बादल और हवा में नमी बनी रहेगी, जिससे सुबह-शाम ठंडक का एहसास और बढ़ जाएगा।
प्रदेश में कहां कैसा रहेगा मौसम
उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़:
मौसम पूरी तरह शुष्क रहेगा। सुबह और शाम के समय ठंड का असर महसूस होगा, जबकि दिन में हल्की धूप निकलेगी।
दक्षिणी छत्तीसगढ़ (बस्तर संभाग):
अगले 3 दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा। इसके बाद भी बारिश की संभावना नहीं है और सूखा मौसम जारी रहेगा। धीरे-धीरे रातें और ठंडी होती जाएंगी।
तापमान रिकॉर्ड:
- सर्वाधिक अधिकतम तापमान: 32.0°C (जगदलपुर)
- सबसे कम न्यूनतम तापमान: 12.4°C (अंबिकापुर)
किसानों और आम जनता के लिए संकेत
- रबी फसलों के लिए मौसम अनुकूल रहेगा।
- सुबह हल्की धुंध और कोहरा रह सकता है।
- सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनना जरूरी होगा।
- रात के समय ठंड में और गिरावट की संभावना।
- बारिश की संभावना कम, लेकिन तापमान में उतार-चढ़ाव रहेगा।
बंगाल की खाड़ी में सक्रिय सिस्टम का हल्का असर
बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) अभी भी सक्रिय है। यह सिस्टम उत्तर-पूर्वी और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और म्यांमार-बांग्लादेश तट के पास बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों में यह सिस्टम उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए तटीय क्षेत्रों के समानांतर आगे बढ़ेगा। इसका मामूली असर छत्तीसगढ़ में भी दिख सकता है- दिन में हल्के बादल रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना बहुत कम है।
मलेरिया फैलने का खतरा बढ़ा
मौसम विभाग (IMD) और स्वास्थ्य एजेंसियों के अनुसार 7 से 13 नवंबर 2025 के बीच भारत के कई राज्यों में मलेरिया फैलने की स्थिति अनुकूल हो सकती है। छत्तीसगढ़ में भी तापमान अभी उसी सीमा में है जो मलेरिया के मच्छरों के लिए अनुकूल मानी जाती है।
अनुकूल तापमान:
- दिन का तापमान: 33–39°C
- रात का तापमान: 14–19°C
इस वजह से ग्रामीण और जंगल क्षेत्रों में मलेरिया संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है। विशेष रूप से प्लास्मोडियम विवैक्स (बार-बार लौटने वाला मलेरिया) के मामले 11 नवंबर तक बढ़ने की संभावना है।
चक्रवात मोन्था का असर: फसलें हुईं बर्बाद
हाल ही में चक्रवात मोन्था के कारण रायपुर, कवर्धा, बिलासपुर, रायगढ़ और सरगुजा समेत कई जिलों में भारी बारिश हुई। कवर्धा जिले में बारिश से खेतों में रखी कट चुकी धान की फसलें पूरी तरह खराब हो गईं। एक किसान अपनी बर्बाद फसल देखकर खेत में ही गिर पड़ा। बस्तर में कई जगह खड़ी फसल झुक गई, और खेतों में रखे धान के ढेर बारिश से सड़ने लगे हैं।
कोंडागांव में पुलिया धंसी, मार्ग बंद
कोंडागांव जिले के ग्राम आदनार में बारिश से 'बड़को नाला पुलिया' धंस गई। इससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। यह पुल लिंगोंपथ–मर्दापाल–भाटपाल–नारायणपुर मार्ग को जोड़ती है, जो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई थी। लगातार बारिश के कारण पुलिया का एक हिस्सा धंस गया और पानी के दबाव से बाकी हिस्सा भी टूट गया। गनीमत रही कि उस समय कोई वाहन पुल पार नहीं कर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
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