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Photograph: (the sootr)
CG Weather Update.आज (4 नवंबर) से छत्तीसगढ़ में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, तापमान में 1-2 डिग्री की गिरावट हो सकती है। अगले दो दिनों में इस मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस बीच, बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया के प्रभाव से राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि, मौसम विभाग ने फिलहाल किसी जिले के लिए कोई विशेष अलर्ट जारी नहीं किया है।
तापमान में शुरू हुई गिरावट
हाल ही में चक्रवात मोंथा का प्रभाव समाप्त हो चुका है, जिसके बाद अब मौसम शुष्क रहने की संभावना है। पिछले 24 घंटों में, राजनांदगांव में सबसे अधिक तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 15.9 डिग्री सेल्सियस रहा। अंबिकापुर में सोमवार को तापमान 19 डिग्री था, और अब 4 डिग्री की गिरावट आई है। यह गिरावट दर्शाती है कि आने वाले दिनों में ठंड बढ़ सकती है।
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प्रेशर सिस्टम का दिख रहा प्रभाव
बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया के कारण दक्षिण और पश्चिमी छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस दौरान गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। छत्तीसगढ़ मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश स्थानीय स्तर पर हो सकती है। इसकी तीव्रता ज्यादा नहीं होगी। हालांकि, यह सिस्टम अगले कुछ दिनों तक प्रभावी रहेगा, जिससे तापमान में मामूली बदलाव देखने को मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में सर्दी के मौसम की आहट को ऐसे समझेंमौसम में बदलाव: छत्तीसगढ़ में आज से मौसम शुष्क रहेगा, तापमान में 1-2 डिग्री तक गिरावट हो सकती है। अगले दो दिनों में कोई विशेष बदलाव नहीं होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी का असर: बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया के कारण दक्षिण और पश्चिमी जिलों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन यह बहुत अधिक प्रभावी नहीं होगी। कवर्धा में फसल नुकसान: चक्रवात मोन्था के बाद कवर्धा में भारी बारिश से धान की फसल को नुकसान हुआ, जिससे किसान व्यथित हैं। लिया धंसने से आवागमन बाधित: कोंडागांव जिले के आदनार में भारी बारिश के कारण बड़को नाला पुलिया धंस गई, जिससे सड़क यातायात प्रभावित हुआ। ठंडी हवाओं का प्रभाव: अगले 48 घंटों में शुष्क और ठंडी हवा का असर बढ़ेगा, जिससे रात का तापमान गिर सकता है और ठंड में वृद्धि हो सकती है।  | 
ठंडी हवाओं का असर बढ़ेगा
वर्तमान में बारिश की गतिविधियां लगभग थम चुकी हैं। पिछले 24 घंटों में कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी देखी गई। अधिकांश स्थानों पर मौसम साफ रहा। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अगले 48 घंटों में शुष्क और ठंडी हवा का प्रभाव बढ़ेगा। रात का तापमान गिर सकता है और ठंड में वृद्धि हो सकती है।
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कवर्धा और बस्तर में फसलों को नुकसान
चक्रवात मोन्था के प्रभाव से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश हुई। कवर्धा में हुई भारी बारिश के कारण धान की फसल को नुकसान हुआ है। पानी बरसने के बाद खेतों में पहले से कटी हुई फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। किसान इस नुकसान से परेशान है। कुछ किसानों का कहना था कि उनका जीवन भर की मेहनत बर्बाद हो गई।
बस्तर में फसलों का नुकसान
बस्तर क्षेत्र में भी इस बारिश के कारण कई फसलों को नुकसान हुआ है। कुछ खेतों में खड़ी फसल झुक गई, जबकि कुछ खेतों में कट चुकी धान की बोरियां भी भीग कर सड़ने लगी हैं। इसके कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, और उन्होंने राहत की उम्मीद की है।
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