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Photograph: (the sootr)
CG Weather Update.छत्तीसगढ़ में चक्रवात मोन्था (Montha) के प्रभाव के खत्म होने के बाद अब मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश की गतिविधियां अब लगभग थम गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में अब शुष्क और ठंडी हवाओं (Cold Winds) का दौर शुरू होगा।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि अब समुद्र से आने वाली नम हवाओं का प्रभाव समाप्त हो गया है और उत्तर-पूर्व दिशा से ठंडी हवाएं प्रदेश में प्रवेश कर रही हैं।
आने वाले दिनों में ठंड बढ़ेगी
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 48 घंटों में छत्तीसगढ़ में तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसका अर्थ है कि रातें ठंडी और दिन सुहावने होंगे।
राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, और कोरबा समेत कई जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 से 4 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया है। जैसे-जैसे शुष्क हवाएं बढ़ेंगी, तापमान में गिरावट भी तेज होगी।
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राज्योत्सव पर मेहनबान रहा मौसम
शनिवार को राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में मौसम सामान्य रहा। आसमान में हल्के बादल जरूर रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई। राज्योत्सव के कार्यक्रम बिना किसी बाधा के सम्पन्न हुए।
रायपुर में न्यूनतम तापमान 23.9°C रहा, जो सामान्य से 3 डिग्री अधिक है।
बिलासपुर में 23.7°C दर्ज किया गया, जो औसत से 4.3°C अधिक है।
प्रदेश के अन्य हिस्सों में तापमान 18°C से 24°C के बीच रहा।
छत्तीसगढ़ में मोंथा के असर और सर्दी की आहट को ऐसे समझें
🌦️ चक्रवात मोंथा का असर खत्म — छत्तीसगढ़ में अब बारिश की गतिविधियां थम गई हैं; अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में बारिश के कोई आसार नहीं। ❄️ ठंडी हवाओं का असर बढ़ेगा — मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों में रात का तापमान 2 से 3 डिग्री तक गिर सकता है, जिससे ठंड बढ़ेगी। 🌤️ राज्योत्सव में सामान्य मौसम — राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में आसमान हल्का बादलों से घिरा रहा, पर कार्यक्रमों में बारिश से कोई बाधा नहीं आई। 🌾 कवर्धा में किसानों को नुकसान — भारी बारिश से खेतों में रखी कटी हुई फसलें सड़ गईं। कई किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। 🛣️ कोंडागांव में पुलिया धंसी — लगातार बारिश के कारण 'बड़को नाला पुलिया' धंस गई, जिससे आवागमन ठप हो गया, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। |
कवर्धा में किसानों को नुकसान
पिछले सप्ताह चक्रवात मोन्था (Montha Cyclone) के कारण कवर्धा, रायगढ़ और सरगुजा जिलों में भारी बारिश हुई। कवर्धा में कटी हुई फसलें खेतों में ही सड़ गईं। एक किसान अपने बर्बाद खेत को देखकर बेहोश हो गया।
बस्तर क्षेत्र में धान की बोरियां और ढेर भीग गए, जिससे भारी नुकसान हुआ है।
अक्टूबर में रिकॉर्ड बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून छत्तीसगढ़ से 15 अक्टूबर तक लौट गया। लेकिन इस साल अक्टूबर में अब तक 89.4 मिमी वर्षा (Rainfall) दर्ज की गई है, जो औसत से 59% अधिक है। 1 से 26 अक्टूबर के बीच हुई इस बारिश ने किसानों को राहत भी दी और नुकसान भी।
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पूरे सप्ताह बारिश की संभावना नहीं
छत्तीसगढ़ मौसम विभाग ने साफ किया है कि अगले सात दिनों तक प्रदेश में बारिश की कोई संभावना नहीं है। शुष्क और ठंडी हवाओं के चलते मौसम साफ रहेगा और रात का तापमान लगातार घटेगा।
इस दौरान लोगों को सुबह और रात में हल्की ठंड का एहसास होगा, जबकि दिन में तापमान सामान्य रहेगा।
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