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CG Weather Update:छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को राज्य के 16 जिलों – सुकमा, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मुंगेली सहित अन्य जिलों में भारी बारिश और यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने गरज-चमक के साथ आंधी चलने और बिजली गिरने की संभावना भी जताई है।
पिछले 24 घंटे का हाल
पिछले 24 घंटों में छत्तीसगढ़ के ज्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, जबकि कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हुई है। सबसे ज्यादा बारिश गरियाबंद जिले के अमरिपदर में रिकॉर्ड की गई, जहां 101 मिमी वर्षा मापी गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि 5 अक्टूबर के बाद से बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे कम होगी, जिससे प्रदेश के अधिकांश जिलों में राहत मिलने की संभावना है।
धमतरी में पुजारी फंसे, 8 घंटे बाद रेस्क्यू
छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश से नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई जगह बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इसी बीच धमतरी जिले के जोरातराई गांव में 65 वर्षीय पुजारी पूजा के लिए महानदी पार करते समय बाढ़ के बीच टापू पर फंस गए। वे करीब आठ घंटे तक फंसे रहे, जिसके बाद प्रशासन की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
गर्भवती महिला को खाट पर बांधकर पार कराई नदी
छत्तीसगढ़ में बारिश और बाढ़ ने कई जगहों पर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गरियाबंद जिले के देवझर अमली गांव में 24 वर्षीय गर्भवती महिला पिंकी नेताम को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन एम्बुलेंस नहीं मिलने पर परिजनों ने उसे खाट पर बांधकर नदी पार कराया। ग्रामीणों ने महिला को सावधानीपूर्वक अमाड़ नदी पार कराते हुए देवभोग स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
रायपुर का मौसम
राजधानी रायपुर में आज बादल छाए रहेंगे और गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। तापमान 23 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
जिलेवार बारिश का हाल
- इस बार अब तक प्रदेश में औसतन 1167.4 मिमी बारिश दर्ज हुई है।
- सबसे कम बारिश बेमेतरा जिले में हुई, जहां सिर्फ 524.5 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 50% कम है।
- वहीं बलरामपुर में सबसे ज्यादा 1520.9 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 52% अधिक है।
- बस्तर, राजनांदगांव और रायगढ़ जैसे जिलों में बारिश सामान्य के करीब रही है।
मानसून की वापसी में देरी
मौसम विभाग के मुताबिक, सामान्य परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ से मानसून की वापसी 5 अक्टूबर से सरगुजा क्षेत्र से शुरू होती है, लेकिन इस बार बारिश की सक्रियता को देखते हुए इसकी रफ्तार धीमी पड़ सकती है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस वर्ष मानसून की वापसी करीब 10 दिन देर से होगी और प्रदेश से इसका प्रस्थान 15 अक्टूबर के बाद ही संभव है।
क्यों गिरती है बिजली?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण आपस में टकराने से इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा होता है। जब पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है।
यह बिजली सामान्यत: बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु जैसी वस्तुएं कंडक्टर का काम करती हैं। इनके संपर्क में आने पर व्यक्ति बिजली की चपेट में आ सकता है। कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ में फिलहाल बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित है। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और नदी-नालों के पास न जाने की अपील की है।