/sootr/media/media_files/2025/09/26/cg-weather-update-yellow-alert-heavy-rain-the-sootr-2025-09-26-11-21-17.jpg)
CG Weather Update: बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के असर से छत्तीसगढ़ में मौसम बिगड़ गया है। मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। अगले दो दिनों तक खासकर दक्षिणी छत्तीसगढ़ (southern Chhattisgarh) में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके बाद बारिश की तीव्रता में कमी आने की उम्मीद है।
पिछले 24 घंटे में भारी बारिश
पिछले 24 घंटों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश दर्ज की गई।
- रायपुर शहर में 76 मिमी
- आरंग में 132 मिमी
- गोबरा-नवापारा में 143 मिमी
- रायपुर जिले का औसत 85 मिमी
दुर्ग और बस्तर संभाग के कई इलाकों में भी अच्छी बारिश हुई। वहीं बिलासपुर में सबसे ज्यादा तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कहां-कहां हुई बारिश
मौसम विभाग के अनुसार—
- गोबरा नवापारा, राजिम – 14 सेमी
- आरंग – 13 सेमी
- पाटन, मंदिर हसौद, गुंडरदेही, बालोद, मोहला – 11 सेमी
- बलौदा बाजार, खड़गांव – 10 सेमी
- धमतरी, पल्लारी, डौंडी, औंधी, भखारा, पखांजूर, गुरुर – 9 सेमी
- माना-रायपुर एपी, अंतागढ़, मानपुर, भिलाई, पिथौरा, मगरलोड, महासमुंद, रायपुर – 8 सेमी
- अन्य कई स्थानों पर 6 सेमी से कम वर्षा दर्ज की गई।
नदी के टीले पर फंसा युवक, SDRF ने बचाया
आरंग में एक युवक नशे में नदी किनारे बने टीले पर सो गया। पत्नी से झगड़े के बाद वह वहां पहुंचा था। नींद खुली तो पानी का स्तर बढ़ चुका था और वह फंस गया। आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। SDRF टीम ने रस्सी की मदद से रेस्क्यू कर युवक को सुरक्षित बाहर निकाला।
गरबा उत्सव पर बारिश का असर
छत्तीसगढ़ में बारिश लगातार हो रही है जिसने नवरात्रि गरबा आयोजनों को भी प्रभावित किया है। कई शहरों में मैदान गीले होने और पानी भरने के कारण कार्यक्रम रद्द या स्थगित हुए। रायपुर के ओमाया गार्डन रिजॉर्ट में गरबा की तारीखें बदल दी गईं। अब यह 27 से 29 सितंबर तक होगा। देवेन्द्र नगर, रायपुर में महिलाएं बारिश के बीच छाता लेकर गरबा करती नजर आईं।
जिलावार बारिश का आंकड़ा
- बलरामपुर में अब तक 1498.6 मिमी बारिश – सामान्य से 53% अधिक
- बेमेतरा में 509.1 मिमी – सामान्य से 51% कम
- बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ – सामान्य के आसपास
क्यों गिरती है बिजली?
बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण आपस में रगड़ते हैं। इससे पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज बनते हैं। जब ये बादल टकराते हैं तो बिजली पैदा होती है। आमतौर पर यह बादलों में ही रहती है, लेकिन तेज होने पर धरती तक पहुंच जाती है।
पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु की वस्तुएं इसके कंडक्टर बनती हैं, और इनके पास खड़े लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ में फिलहाल मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। यलो अलर्ट को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।