CGPSC SCAM में एक और बड़ा मामला सामने आ रहा है। इस मामले में छत्तीसगढ़ की एक बड़ी कंपनी भी CBI जांच की जद में फंस सकती है। दरअसल, CGPSC SCAM में सीबीआई ने श्री बजरंग पावर एंड इस्पात कंपनी के डायरेक्टर गोयल को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने कंपनी के सीएसआर फंड से 45 लाख रुपए का भुगतान एक एनजीओ को किया।
यह एनजीओ CGPSC के चेयरमैन रहे पूर्व आईएएस अफसर टामन सिंह सोनवानी की पत्नी का है। एनजीओ में यह फंड ट्रांसफर होने के बाद ही गोयल के बेटे शशांक और बहू भूमिका का सिलेक्शन डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट पर हुआ।
बताया जा रहा है कि सीएसआर फंड का गलत उपयोग यानी रिश्वत के लिए किए जाने की वजह से श्री बजरंग पावर एंड इस्पात कंपनी भी इस केस में जाच की जद में आ सकती है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार श्री बजरंग पावर एंड इस्पात कंपनी गोयल TMT सरिया बनाती है।
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सीएसआर फंड का ये है मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टामन सिंह की पत्नी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पदमिनी सोनवानी हैं। उनका एक एनजीओ ग्रामीण विकास समिति। इसमें एसके गोयल ने दो किस्तों में 20 लाख और 25 लाख रुपए जमा किए। ये पैसा श्री बजरंग पावर एंड इस्पात कंपनी के सीएसआर फंड से गया। इन्हीं पैसों से सोनवानी ने पैतृक गांव में स्कूल बनवाया है।
हालांकि, टामन और गोयल के वकीलों ने कोर्ट में कहा है कि सीबीआई की कार्रवाई गलत है। गोयल निजी कंपनी के डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनी सीएसआर फंड के तहत अलग-अलग संस्थाओं को पैसे देती है। उसी के तहत उन्होंने ग्रामीण विकास समिति को पैसे दिए हैं। उस पैसे से बिल्डिंग बनाई गई है।
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मध्य प्रदेश का रहने वाला है गोयल परिवार
गोयल परिवार मध्य प्रदेश यानी MP के शिवपुरी जिले में आने वाले छोटे से कस्बे कोलारस का रहने वाला है। पीएससी के रिजल्ट में बेटे शशांक गोयल की तीसरी और बहू भूमिका कटियार की चौथी रैंक आई थी।
मंगलवार को विशेष कोर्ट में पेश की गई सीबीआई की डायरी में कहा गया है कि श्री बजरंग पावर एंड इस्पात ने सीएसआर मद में ग्रामीण विकास समिति नाम के एनजीओ को 45 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। सोनवानी की पत्नी इसी एनजीओ की अध्यक्ष हैं। विशेष कोर्ट ने सोनवानी और गोयल, दोनों को 28 नवंबर तक सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया है।
जबलपुर से की है इजीनियरिंग
श्री बजरंग इस्पात एंड पावर लिमिटेड कंपनी की वेबसाइट के अनुसार श्रवण कुमार गोयल कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक हैं। उन्होंने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
वे 1 अक्टूबर, 2006 से उक्त कंपनी में निदेशक हैं। वे आगामी परियोजनाओं की पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन और निगरानी, सरकारी और निजी एजेंसियों के साथ संपर्क और संबंधित गतिविधियों को देखते हैं।
स्कूल की दोस्ती, प्यार और फिर शादी
जानकारी के अनुसार भूमिका और शशांक दोनों एक दूसरे को स्कूल के समय से जानते थे। दोनों ने मिलकर दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी की थी। श्रवण और भूमिका ने एक साथ छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए अपना फॉर्म भरा था। भर्ती की इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए करीब दो वर्ष का समय लग गया। इस बीच वर्ष 2022 में शशांक और भूमिका शादी के बंधन में बंध गए।
भाई-भतीजे बने अफसर
अब इस फर्जीवाड़े की सतह में जाते हैं। इस फर्जीवाड़े ने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युवाओं के भविष्य पर डाका डाल दिया। चयन हुआ तो अध्यक्ष, राजनेता और अफसरों के भाई भतीजों और पुत्रो का। 2021 में ये परीक्षा हुई 2023 में रिजल्ट आया।
रिजल्ट आते ही ये ये विवादों में घिर गया और इस पर सवाल खड़े हो गए। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की, जिसमें इस चयन सूची पर गंभीर आपत्तियां और तथ्य पेश किए गए थे।
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