पति-पत्नी, बेटा-बेटी... जोड़ियों में अफसर बना रहे थे टामन, देखें चेहरे

CGPSC Scam यानी युवाओं के सपने को तोड़ने वाले इस कांड में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग चहेतों को जीभर के रेवड़ियां बांट रहे थे। एक ही परिवार के कई लोगों को अफसर बना दिया गया। आइए आपको बताते हैं कि एक ही परिवार के किन लोगों को फायदा पहुंचाया गया...

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Kanak Durga Jha
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Husband-wife, son-daughter becoming officers pairs
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CGPSC Scam : सीजीपीएससी घोटाला मामले में सीबीआई एक-एक करके बड़े खुलासे कर रही है। घुस देकर अफसर बनाने के बाद घोटाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। मामले में सीबीआई ने बताया कि भूपेश बघेल की सरकार में सीजीपीएससी घोटाले में जोड़ियों में अफसर बनाया गया। किसी परिवार के पति-पत्नी, बेटा-बेटी तो किसी परिवार के भाई-बहन अफसर बन गए। घोटाले में राज्यपाल, कांग्रेस नेताओं व बड़े व्यापारियों के परिवार वालों को अफसर बना दिया। 

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अपनों को बनाया अफसर

ये है बेटा-बेटी की जोड़ी

बेटी- नेहा खलको, बेटा- निखिल खलको

रिश्ता - राजयपाल के सचिव रहे अमृत खालको ने अपने ही बच्चों को बनाया अफसर

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ये है पति-पत्नी की जोड़ी

पति- शशांक गोयल, पत्नी- भूमिका गोयल

रिश्ता - व्यापारी श्रवण कुमार गोयल के बेटा-बहू है।

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ये है भाई-बहन की जोड़ी

भाई- प्रखर नायक, बहन- प्रज्ञा नायक

रिश्ता - कांग्रेस नेता के ओएसडी के बेटा और बेटी बन गए अफसर

 

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सीबीआई ने खुलासा किया कि सचिव न नियंत्रक के रिश्तेदार भी घोटाले में शामिल थे। आयोग के सचिव व सेवानिवृत आईएएस जीवन किशोर ध्रुव के रिश्तेदार सुमित ध्रुव डिप्टी कलेक्टर बने थे। पीएससी घोटाले की जांच जैसे ही सीबीआई को सौंपी गई वैसे ही सोनवाने की तबीयत खराब हो गई थी। वे गिरफ्तारी से बचने कई दिनों तक प्रायवेट हॉस्पिटल के आरामदायक प्राइवेट वार्ड में आराम फरमाते रहे। 

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जब अस्पताल की तस्वीरें बाहर आईं तो वे भाग खड़े हुए। ये वही सोनवाने हैं जिन पर अपने बेटे बहू समेत परिवार के सभी सदस्यों को डिप्टी कलेक्टर बनाने का आरोप है। इनकी तलाश आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओडब्ल्यू और भर्ती में फर्जीवाड़े के मामले में पुलिस भी करती रही है।


भाई भतीजे बने अफसर

अब इस फर्जीवाड़े की सतह में जाते हैं। इस फर्जीवाड़े ने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युवाओं के भविष्य पर डाका डाल दिया। चयन हुआ तो अध्यक्ष, राजनेता और अफसरों के भाई भतीजों और पुत्रो का। 2021 में ये परीक्षा हुई 2023 में रिजल्ट आया। रिजल्ट आते ही ये ये विवादों में घिर गया और इस पर सवाल खड़े हो गए। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की जिसमें इस चयन सूची पर गंभीर आपत्तियां और तथ्य पेश किए गए थे।

मंगलवार को विशेष कोर्ट में  पेश की गई CBI की डायरी में कहा गया है कि श्री बजरंग पावर ने सीएसआर मद में ग्रामीण विकास समिति नाम के एनजीओ को 45 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।  सोनवानी की पत्नी इसी एनजीओ की अध्यक्ष हैं। 

 

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FAQ

सीजीपीएससी घोटाला क्या है और इसमें क्या अनियमितताएं पाई गईं?
सीजीपीएससी (छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग) घोटाला एक भर्ती घोटाला है, जिसमें पैसे और प्रभाव का उपयोग करके लोगों को सरकारी पदों पर नियुक्त किया गया। सीबीआई के अनुसार, इस घोटाले में कई लोगों ने रिश्वत देकर अपने परिवार के सदस्यों, जैसे पति-पत्नी, भाई-बहन, बेटा-बेटी को डिप्टी कलेक्टर और अन्य पदों पर नियुक्त करवाया। आरोप है कि आयोग के सचिव और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों ने इस घोटाले में भूमिका निभाई।
इस घोटाले में किन-किन लोगों के नाम सामने आए हैं?
सीबीआई की जांच के मुताबिक, घोटाले में सरकारी अधिकारियों, कांग्रेस नेताओं, व्यापारियों, और राज्यपाल तक के रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाया गया। आयोग के सचिव और सेवानिवृत्त आईएएस जीवन किशोर ध्रुव के रिश्तेदार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के परिवारजन भी डिप्टी कलेक्टर बनाए गए। इसके अलावा, प्रमुख आरोपी सोनवाने पर अपने परिवार के सदस्यों को पद दिलाने के आरोप हैं।

 

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