CGPSC scam में सीबीआई की गिरफ्त में आए उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल ने अपने बेटे और बहू को एक साथ डिप्टी कलेक्टर बनवा लिया था। इसके लिए उन्होंने उस समय सीजीपीएससी बोर्ड के अध्यक्ष रहे टामन सिंह सोनवानी को 45 लाख रुपए दिए थे। यह राशि सोनवानी के करीबी के एक एनजीओ को ट्रांसफर की गई थी। इसी मामले में गोयल को सीबीआई ने अरेस्ट किया है।
गोयल परिवार मध्य प्रदेश यानी MP के शिवपुरी जिले में आने वाले छोटे से कस्बे कोलारस का रहने वाला है। पीएससी के रिजल्ट में बेटे शशांक गोयल की तीसरी और बहू भूमिका कटियार की चौथी रैंक आई थी।
मंगलवार को विशेष कोर्ट में पेश की गई सीबीआई की डायरी में कहा गया है कि श्री बजरंग पावर एंड इस्पात ने सीएसआर मद में ग्रामीण विकास समिति नाम के एनजीओ को 45 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। सोनवानी की पत्नी इसी एनजीओ की अध्यक्ष हैं।
विशेष कोर्ट ने सोनवानी और गोयल, दोनों को 28 नवंबर तक सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया है।
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जबलपुर से की है इजीनियरिंग
श्री बजरंग इस्पात एंड पावर लिमिटेड कंपनी की वेबसाइट के अनुसार श्रवण कुमार गोयल कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक हैं। उन्होंने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। वे 1 अक्टूबर, 2006 से उक्त कंपनी में निदेशक हैं। वे आगामी परियोजनाओं की पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन और निगरानी, सरकारी और निजी एजेंसियों के साथ संपर्क और संबंधित गतिविधियों को देखते हैं। कंपनी का दफ्तर बोर्जहरा में खसरा नंबर 173 - 178, उरला गुमा रोड, उरला ग्रोथ सेंटर, रायपुर बताया गया है।
स्कूल की दोस्ती, प्यार और फिर शादी
जानकारी के अनुसार भूमिका और शशांक दोनों एक दूसरे को स्कूल के समय से जानते थे। दोनों ने मिलकर दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी की थी। श्रवण और भूमिका ने एक साथ छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए अपना फॉर्म भरा था। भर्ती की इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए करीब दो वर्ष का समय लग गया। इस बीच वर्ष 2022 में शशांक और भूमिका शादी के बंधन में बंध गए।
भाई-भतीजे बने अफसर
अब इस फर्जीवाड़े की सतह में जाते हैं। इस फर्जीवाड़े ने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युवाओं के भविष्य पर डाका डाल दिया। चयन हुआ तो अध्यक्ष, राजनेता और अफसरों के भाई भतीजों और पुत्रो का। 2021 में ये परीक्षा हुई 2023 में रिजल्ट आया।
रिजल्ट आते ही ये ये विवादों में घिर गया और इस पर सवाल खड़े हो गए। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की, जिसमें इस चयन सूची पर गंभीर आपत्तियां और तथ्य पेश किए गए थे।
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इस चयन सूची पर नजर डालते हैं
नितेश - चयन डिप्टी कलेक्टर
टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र
निशा कोशले - डिप्टी कलेक्टर
नितेश की पत्नी यानी टामन सिंह की बहू
साहिल - चयन डीएसपी
टामन सिंह के भाई के बेटे
दीपा - जिला आबकारी अधिकारी
टामन सिंह के भाई की बहू
सुनीति जोशी - श्रम अधिकारी
टामन सिंह की बहन की पुत्री यानी उनकी भांजी।
मीनाक्षी - डिप्टी कलेक्टर
टामन सिंह के करीबी की बेटी
इतना ही नहीं पूर्व सचिव के बेटे बहू, तत्कालीन सचिव के पुत्र, कांग्रेस नेताओं और अफसरों के पुत्रों के नाम भी चयनित उम्मीदवारों की सूची में आये हैं। यह मुद्दा विधानसभा चुनावों में खूब उछला और बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में ही इसकी जांच सीबीआई से कराने का एलान कर दिया। फिर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई ।
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