CGPSC घोटाला: CBI ने दाखिल किया 2000 पन्नों का सप्लीमेंट्री चालान, सामने आया मास्टरमाइंड का नाम

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाले में CBI ने दाखिल किया पहला सप्लीमेंट्री चालान, जिसमें मास्टरमाइंड समेत कई अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं। जानिए कौन है आरोपी और कितनी गंभीर है यह साजिश।

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Harrison Masih
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CGPSC Scam CBI charge sheet:छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने स्पेशल कोर्ट में पहला सप्लीमेंट्री चालान पेश कर दिया है। लगभग 2000 पन्नों के इस चालान में घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे किए गए हैं। इसमें कई नए तथ्यों और साक्ष्यों के साथ गवाहों के बयान भी शामिल किए गए हैं। CBI ने बताया कि टामन सिंह सोनवानी इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड है, जबकि आरती वासनिक, जनक राम ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आडील समेत कई अन्य लोगों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

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मास्टरमाइंड और आरोपी

CBI ने अपने चालान में टामन सिंह सोनवानी को CGPSC घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। इसके अलावा आरती वासनिक, जनक राम ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आडील को भी आरोपी के रूप में नामजद किया गया है। सभी आरोपियों की भूमिका विस्तार से जांच में सामने आई है और वर्तमान में ये सभी न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं।

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क्या है CGPSC घोटाला?

यह मामला 2020 से 2022 के बीच हुई CGPSC भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि इस दौरान आयोग ने पारदर्शिता को दरकिनार करते हुए राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख वाले परिवारों के उम्मीदवारों को उच्च पदों पर चयनित किया। डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य राजपत्रित पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों को अनदेखा कर पक्षपातपूर्ण चयन किया गया, जिससे भर्ती प्रक्रिया में गंभीर हेरफेर हुआ।

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चयन प्रक्रिया में हेरफेर

CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। 13 फरवरी 2022 को प्री-एग्जाम आयोजित किया गया, जिसमें 2,565 अभ्यर्थी सफल हुए। इसके बाद 26 से 29 मई 2022 तक मेंस परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें 509 उम्मीदवार पास हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की गई। आरोप है कि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में हेरफेर करके आयोग ने अपने नजदीकी लोगों को लाभ पहुँचाया।

CGPSC घोटाले को ऐसे समझें

  1. CBI जांच और चालान: CBI ने स्पेशल कोर्ट में पहला सप्लीमेंट्री चालान दाखिल किया, जिसमें टामन सिंह सोनवानी को मास्टरमाइंड और आरती वासनिक, जनक राम ध्रुव, निशा कोसले, दीपा आडील को आरोपी बनाया गया।

  2. भर्ती प्रक्रिया में हेरफेर: 2020-2022 के बीच हुई CGPSC भर्ती में राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख वाले परिवारों को लाभ पहुँचाने के लिए योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया गया।

  3. परीक्षा और चयन: CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती हुई; प्री-एग्जाम, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू के बाद 170 उम्मीदवारों की चयन सूची जारी की गई।

  4. गिरफ्तारी और न्यायिक रिमांड: अब तक कुल 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और सभी न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं।

  5. भविष्य के खुलासे: CBI जांच जारी है और आने वाले समय में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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CBI जांच और बरामदगी

प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए CGPSC घोटाले की जांच CBI को सौंपी थी। जांच के दौरान एजेंसी ने कई दस्तावेज और आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद किए हैं, जो मामले की गहराई को उजागर करते हैं। अब तक कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और माना जा रहा है कि आने वाले समय में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

FAQ

CGPSC घोटाला क्या है?
CGPSC घोटाला छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की 2020-2022 के बीच हुई भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ा है, जिसमें कथित रूप से राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख वाले उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाया गया और योग्य उम्मीदवारों को अनदेखा किया गया।
CGPSC घोटाले में मुख्य आरोपी कौन हैं?
CBI के अनुसार टामन सिंह सोनवानी इस घोटाले का मास्टरमाइंड हैं। इसके अलावा आरती वासनिक, जनक राम ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आडील को आरोपी बनाया गया है। सभी आरोपियों को वर्तमान में न्यायिक रिमांड पर जेल में रखा गया है।
CGPSC घोटाले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
CBI ने 2000 पन्नों का पहला सप्लीमेंट्री चालान दाखिल किया, कई दस्तावेज और साक्ष्य बरामद किए, और अब तक कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच अभी जारी है और और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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