CGPSC घोटाला: रिटायर्ड IAS समेत 5 गिरफ्तार,नेताओं और अधिकारियों के करीबियों का खुला राज

छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले की जांच में CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व सचिव, परीक्षा नियंत्रक और कई अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। जानें क्या है छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती घोटाला और कैसे बदल गई थी मेरिट लिस्ट।

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Harrison Masih
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CGPSC scam 5 arrested: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले की जांच में CBI की हलचल तेज हो गई है। शुक्रवार को सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक रही आरती वासनिक, पीएससी के पूर्व सचिव एवं पूर्व आईएएस जीवनलाल ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, तथा निशा कोसले और दीपा आदिल को हिरासत में लिया है।

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स्पेशल कोर्ट में पेश किए गए आरोपी

CBI ने सभी आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया। इससे पहले भी सीबीआई ने आरती वासनिक को हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। अब जांच के नए सिरे से गहराने के बाद उन्हें दोबारा हिरासत में लिया गया है।

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इससे पहले हो चुकी है 7 लोगों की गिरफ्तारी

सीजीपीएससी घोटाले में अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी थी। 18 नवंबर को तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया गया था। 10 जनवरी को पाँच और आरोपी पकड़े गए, जिनमें नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष के भतीजे, डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित) और ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक, CGPSC) शामिल थे।

12 जनवरी को तीन और लोग गिरफ्तार हुए, जिनमें शशांक गोयल और भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयनित) और साहिल सोनवानी (डिप्टी एसपी पद के लिए चयनित) शामिल हैं। वर्तमान में ये सभी आरोपी जेल में बंद हैं।

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क्या है CGPSC घोटाला?

CGPSC घोटाला छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया में 2020 से 2022 के बीच हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। आरोप है कि इस दौरान आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में योग्य अभ्यर्थियों की उपेक्षा की गई।

इसके बजाय प्रभावशाली राजनेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के करीबियों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य उच्च पदों पर चयनित किया गया। इस घोटाले ने प्रदेश की भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

CGPSC घोटाले की मुख्य बातें:

  1. समयावधि (2020-2022) – छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं और साक्षात्कारों में अनियमितताएँ उजागर हुईं।

  2. मेरिट लिस्ट में हेरफेर – योग्य अभ्यर्थियों को दरकिनार कर नेताओं और अधिकारियों के करीबियों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य पदों पर चयनित किया गया।

  3. मुख्य आरोपी – पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवनलाल ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक और अन्य अधिकारी व उम्मीदवार शामिल।

  4. CBI की जांच – छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर मामला CBI को सौंपा गया, कई छापेमारियाँ और दस्तावेज़ जब्ती की गई।

  5. गिरफ्तारी और कोर्ट कार्रवाई – अब तक दर्जनों आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और सभी मामले स्पेशल कोर्ट में विचाराधीन हैं।

BSSC

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जांच की कमान CBI को

छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई। जांच एजेंसी ने छापेमारी कर कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। वर्तमान में यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में है और लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।

FAQ

CGPSC घोटाला क्या है?
CGPSC घोटाला छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) की भर्ती परीक्षाओं में 2020 से 2022 के बीच हुई अनियमितताओं से जुड़ा मामला है, जिसमें प्रभावशाली लोगों के करीबियों को उच्च पदों पर चयनित किया गया।
CGPSC घोटाले में किन-किन लोगों की गिरफ्तारी हुई है?
इस घोटाले में अब तक पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवनलाल ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत कई अधिकारी और चयनित उम्मीदवार गिरफ्तार हो चुके हैं।
CGPSC घोटाले की जांच कौन कर रहा है?
इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था।
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