बिहार सासाराम के रोहतास इलाके में पुलिस ने छापा मारकर 44 लड़कियों और 3 लड़कों को छुड़ाकर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें 41 नाबालिग छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाके के रहने वाले हैं, जिन्हें 50-50 हजार रुपए में बिहार ले जाकर बेच दिया गया था। नाबालिगों को आर्केस्ट्रा में काम और हर महीने मोटी रकम देने का झांसा दिया गया।
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आर्केस्ट्रा के नाम पर रेड लाइट इलाके में बेचीं
आर्थिक स्थित ठीक नहीं की वजह से नाबालिगों के परिजन ने भी विरोध नहीं किया और न ही इसकी शिकायतें की। वहां ले जाकर नाबालिगों को गलत धंधे में ढकेल दिया गया। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने राजनांदगांव पुलिस, प्रशासन, श्रम विभाग और महिला बाल विकास की एक टीम बनाई है।
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इसमें डिप्टी कलेक्टर, एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी है। उनकी टीम शनिवार को बिहार रवाना हो गई। वहां से छत्तीसगढ़ की बेटियों को लाया जाएगा। सभी का बयान दर्ज किया गया है। उसके बाद कानून कार्रवाई की जाएगी। छत्तीसगढ़ के तस्कर भेजते थे बिहारः पुलिस के अनुसार छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों की तलाश करते हैं।
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सबसे ज्यादा 10 लड़कियां राजनांदगांव की
बिहार पुलिस ने जिन लड़कियों का रेस्क्यू किया है। उसमें सबसे ज्यादा राजनांदगांव की 10 लड़कियां हैं। इसके बाद रायपुर, मुंगेली, बलौदाबाजार की 4-4 लड़कियां हैं। दुर्ग, बेमेतरा, जांजगीर-चांपा की 3-3 लड़कियां हैं। बिलासपुर की 2 और कोरबा व बालोद की एक-एक लड़कियां हैं। इसके अलावा कुछ और जिलों के नाबालिग मिले हैं, जो पता नहीं बता पा रहे हैं।
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