छत्तीसगढ़ में बीपीएल की बंदरबांट, 62 हजार फर्जी गरीब डकार रहे थे मुफ्त का राशन, अब वसूली की तैयारी

खाद्य विभाग ने राशन कार्ड सत्यापन में जीएसटी (GST) और इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने वाले 60,000 से अधिक अपात्र लोगों के बीपीएल राशन कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, होगी वसूली भी।

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Sanjay Dhiman
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froud in Bpl ration card

Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ हो या मध्यप्रदेश, गरीबी रेखा का राशन कार्ड(BPL Ration Card) उन लोगों को राहत प्रदान करने के लिए दिए जाते हैं जो जीवन यापन के संघर्षों से जूझते रहते हैं। लेकिन लोग इन गरीबों के हक पर डाका डालने से भी पीछे नहीं रहते। छत्तीसगढ़ में तो स्थिति यह है कि यहां लखपति और महंगी-महंगी कारों से घूमने वाले लोग भी गरीब बनने को आतुर हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि प्रदेश में कम से कम साठ हजार ऐसे लोग हैं जो न केवल हर साल आयकर रिटर्न दे रहे हैं बल्कि लाखों रुपए की जीएसटी भी चुका रहे हैं। लेकिन फिर भी ये लोग सरकारी राशन के लिए गरीब बने हुए हैं। अब सरकार इन फर्जी गरीबों पर कैंची चलाने जा रही है। ऐसे लोगों के नाम न केवल राशन कार्ड सूची से काटे जा रहे हैं, बल्कि इनसे वसूली की तैयारी भी की जा रही है।

अकेले रायपुर खाद्य विभाग द्वारा किए गए सत्यापन के दौरान, 10,000 से अधिक ऐसे राशन कार्डों की जानकारी मिली है जो नियमों के खिलाफ बने हैं। जांच में यह उजागर हुआ है कि इन कार्डधारकों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax - GST) और इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return - ITR) भी दाखिल किया है।

यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वे आर्थिक रूप से इतने सक्षम हैं कि वे गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में नहीं आते। ऐसे में, इनका बीपीएल राशन कार्ड (BPL Ration Card) रखना सरकारी नियमों का उल्लंघन और जरूरतमंदों के हकों पर सीधा डाका है।

आधार, पैन और राशन कार्ड लिंकिंग से हुआ खुलासा 

फर्जी राशन कार्डों (Fake Ration Cards) की पहचान करने के लिए आधार (Aadhaar), पैन (PAN) और राशन कार्ड को आपस में लिंक करने की तकनीक का उपयोग किया गया। डिजिटल डेटा (Digital Data) के विश्लेषण ने विभाग को उन लोगों की पहचान करने में मदद की, जो एक ओर तो देश के टैक्स सिस्टम (Tax System) में पंजीकृत हैं और दूसरी ओर रियायती राशन (Subsidized Ration) का लाभ उठा रहे हैं।

राज्य में ऐसे राशन कार्डों (Ration Cards) की कुल संख्या 62,813 बताई जा रही है, जो अपात्र पाए गए हैं। इनमें से अकेले राजधानी रायपुर में इनकी संख्या 10,361 है। जानकारी के अनुसार, एक जिले में ही 640 ऐसे लोग हैं जो जीएसटी रिटर्न (GST Return) भरते हैं और फिर भी बीपीएल (BPL) श्रेणी का राशन कार्ड बनवा चुके हैं। यह डेटा पूरे राज्य में फैले फर्जीवाड़े की भयावह तस्वीर प्रस्तुत करता है। 

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अपात्रता के मुख्य मानक 

सरकारी नियमों के अनुसार, निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करने वाले व्यक्ति या परिवार आमतौर पर बीपीएल/अंत्योदय राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं होते हैं:

  • जो परिवार आयकर (Income Tax) या जीएसटी (GST) दाखिल करते हैं।

  • जिनके पास चार पहिया वाहन, एयर कंडीशनर (AC) या बड़ा फ्रिज (Refrigerator) है।

  • जिनके परिवार के किसी सदस्य की मासिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹10,000 और शहरी क्षेत्रों में ₹15,000 से अधिक है (मानदंड राज्य दर राज्य भिन्न हो सकते हैं)।

  • जिनके पास 5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि या 7.5 एकड़ से अधिक असिंचित भूमि है। 

फर्जी राशन कार्ड को निरस्त करने की प्रक्रिया 

जांच में पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद, खाद्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। इन फर्जी और अपात्र राशन कार्डों को निरस्त करने (Ration Card Cancellation) की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और ऐसे सभी कार्डों को ऑनलाइन ब्लॉक (Online Block) किया जा रहा है ताकि वे भविष्य में रियायती राशन का लाभ न उठा सकें।

कार्ड ब्लॉक होने पर आपत्ति दर्ज कराने का प्रावधान 

विभाग ने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह सुनिश्चित किया है कि यदि किसी कार्डधारक को अपना कार्ड ब्लॉक किए जाने पर कोई आपत्ति है, तो वे राशन दुकानदारों या सीधे खाद्य विभाग के पास अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि गलती से किसी पात्र व्यक्ति का कार्ड निरस्त न हो जाए। यह नागरिकों को अपनी बात रखने का अवसर प्रदान करता है, जिससे पूरी प्रक्रिया मानवीय और न्यायसंगत बनी रहे।

कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने खाद्य विभाग के अफसरों की बैठक में जांच के काम में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि केवल अपात्र लोगों के कार्ड ही निरस्त हों और पात्र लोगों को योजना का लाभ मिलता रहे। 

छत्तीसगढ़ में फर्जी गरीबों से जुड़ें इस मामले को ऐसे समझें 

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60,000 से अधिक राशन कार्ड निरस्त होंगे:खाद्य विभाग छत्तीसगढ़ ने सत्यापन के दौरान जीएसटी और इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने वाले 60,000 से अधिक अपात्र लोगों के बीपीएल राशन कार्ड की पहचान की है, जिन्हें अब रद्द किया जाएगा।

आधार, पैन और राशन कार्ड लिंकिंग से खुलासा: अपात्र लाभार्थियों की पहचान आधार (Aadhaar), पैन (PAN) और राशन कार्ड डेटा को लिंक करने की तकनीक से हुई है, जिससे उनका टैक्स रिटर्न फाइल करने का रिकॉर्ड सामने आया।

राज्यभर में 62,813 अपात्र कार्ड धारक: पूरे राज्य में ऐसे अपात्र राशन कार्डों की संख्या 62,813 बताई जा रही है। इन सभी कार्डों को ऑनलाइन ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

तीन साल से राशन लेने वालों से होगी वसूली: जांच में ऐसे एपीएल (APL) कार्ड धारकों का भी पता चला है जो पिछले तीन साल से रियायती राशन ले रहे थे। इन सभी अपात्र लोगों से लिए गए राशन की पूरी कीमत की वसूली (Recovery) की जाएगी।

केवाईसी (KYC) प्रक्रिया अनिवार्य: फर्जी राशन कार्डों को हटाने और डेटा को अपडेट करने के लिए खाद्य संचालनालय ने सभी लाभार्थियों के लिए 30 सितंबर तक केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य किया था।

वसूली और कानूनी कार्रवाई का शिकंजा 

जांच में यह भी सामने आया है कि हजारों की संख्या में ऐसे एपीएल-बीपीएल राशन कार्ड धारक भी हैं, जो पिछले तीन साल से रियायती राशन ले रहे हैं। नियमानुसार अपात्र होने के बावजूद राशन लेने वाले इन लोगों से पूरे पैसे की वसूली की जाएगी। रायपुर जिला खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की है। यह वसूली उन सभी वर्षों के राशन के लिए होगी, जो उन्होंने धोखाधड़ी (Fraud) से प्राप्त किया है।

यह कार्रवाई न केवल फर्जीवाड़ा करने वालों पर नकेल कसने का काम करेगी, बल्कि सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई में भी मदद करेगी। फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई (Legal Action) भी की जा सकती है, जिससे भविष्य में कोई भी व्यक्ति खाद्य सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का दुरुपयोग करने की हिम्मत न करे। यह एक चेतावनी है कि सरकार फर्जीवाड़े (Fraud) के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है।

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राज्यभर में अभियान और केवाईसी की अनिवार्यता 

खाद्य संचालनालय (Directorate of Food) की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, फर्जी राशन कार्डों की पहचान केवल राजधानी रायपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अभियान पूरे राज्य में चलाया जा रहा है। रायपुर के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा, बस्तर समेत लगभग सभी जिलों में बड़े पैमाने पर अपात्र राशन कार्ड (Ration Card) सामने आए हैं और इन सभी को ब्लॉक किया जा रहा है।

फर्जी लाभार्थियों को हटाने और डेटा को अपडेट (Data Update) करने के लिए, केवाईसी (Know Your Customer)प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य कर दिया गया है। संचालनालय की ओर से सभी लाभार्थियों को 30 सितंबर तक केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए सूचित किया गया था। केवाईसी के माध्यम से आधार (Aadhaar) और बायोमेट्रिक (Biometric) सत्यापन होता है, जो अपात्र और निष्क्रिय राशन कार्डों की पहचान करने में अत्यंत प्रभावी साबित हुआ है।

यह व्यापक सत्यापन और निरस्तीकरण अभियान सुनिश्चित करेगा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (CG PDS System) का लाभ वास्तव में उन्हीं लोगों तक पहुंचेगा, जिनके लिए यह योजना बनाई गई है। यह कदम सरकारी योजनाओं के सुचारु और न्यायपूर्ण क्रियान्वयन के लिए बेहद आवश्यक है।

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