अरुण तिवारी @ RAIPUR. परीक्षा परिणामों ( test results ) की तारीख नजदीक आते ही छात्रों के मन में रिजल्ट का डर सताने लगा है। बच्चों के डर को दूर करने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने फ्री हेल्पलाइन ( Board of Secondary Education free helpline ) शुरु की है। इस हेल्पलाइन पर काउंसलर मनोवैज्ञानिक और विशेषज्ञ 24 घंटे बच्चों के सवालों के जवाब देने के लिए तैनात रहते हैं। एक दिन में बच्चों में के औसतन 65 फोन कॉल्स आ रहे हैं। बच्चे विशेषज्ञों से एक ही बात जानना चाहते हैं कि क्या वे पास हो जाएंगे। विशेषज्ञ उनको समझा रहे हैं कि रिजल्ट में डरने की जरुरत नहीं है। वे खुद पर विश्वास रखें और तनाव मुक्त रहें। बच्चों के साथ उनके माता पिता भी हेल्पलाइन ( helpline ) पर फोन लगा रहे हैं।
इस तरह के सवाल कर रहे बच्चे
1. क्या मैं पास हो जाउंगा
2. रिजल्ट कब तक आएगा
3. क्या आप रिजल्ट की फिक्स डेट बता सकते हैं
4. मेरा रिजल्ट क्या होगा
5. कितने नंबर में पास होते हैं।
6. बहुत तनाव हो रहा है मैं क्या करुं।
ये है हेल्पलाइन नंबर
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने हेल्पलाईन नंबर 18002334363 शुरु किया है। ये सुविधा बिल्कुल निशुल्क है। इस नंबर पर विषय विशेषज्ञ सातों दिन और चौबीस घंटे उपलब्ध हैं। परीक्षा परिणाम के पहले विद्यार्थियों के मन में परीक्षा परिणाम के डर से होने वाले तनाव के प्रबंधन, कैरियर, विषय चयन संबंधी मार्गदर्शन के लिए मनोवैज्ञानिक, कॅरियर काउंसल, विषय विशेषज्ञ तैनात किए गए है। ये विशेषज्ञ बच्चों के सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं। इनकी कोशिश है कि बच्चे तनाव मुक्त रहें और आगे के प्लान के बारे में सोचना शुरु करें। तनाव मैनेजमेंट के लिए विशेषज्ञ बच्चों को कुछ टिप्स भी दे रहे हैं। वे बच्चों को मोटीवेशनल कहानियां, योग और प्राणायम, पार्क में घूमने और दोस्तों के साथ खेलने को भी कह रहे हैं। विशेषज्ञ उन लोगों की कहानियां भी सुना रहे हैं जो पढ़ने में कमजोर थे लेकिन आगे चलकर महान व्यक्तित्व के रुप में मशहूर हुए।
माता-पिता के भी फोन कॉल्स
इस हेल्पलाइन पर माता-पिता के फोन भी आ रहे हैं। वे रिजल्ट को लेकर अपने बच्चे के तनाव के बारे में पूछ रहे हैं। विशेषज्ञों ने उनको सलाह दी है कि वे अपने बच्चे के पास रहें और उसकी गतिविधियों को ध्यान से देखें। कहीं बच्चा अकेला,गुमशुम या उदास तो नहीं रहता। यदि इस तरह के कोई लक्षण नजर आते हैं तो उससे बात करें, उसे डांटे या उस पर गुस्सा न करें। उसे इस समय माता-पिता के प्यार की जरुरत है। उस पर नंबरों का दवाब न डालें बल्कि ये समझाएं कि नंबर कम या ज्यादा आने के तनाव से वे दूर रहें। नंबर ही जीवन या पढ़ाई में सब कुछ नहीं होते।
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