छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र: पहले दिन कांग्रेस ने किया बहिष्कार,अपनों ने ही घेरा सरकार को

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत रविवार से हुई है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 'विजन 2047' को लेकर चर्चा की और छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा बताई। कांग्रेस ने पहले दिन सत्र का बहिष्कार किया। भाजपा विधायक ने सरकार से तीखे सवाल किए।

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Sanjay Dhiman
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Chattishgarh vidhansabha vintar session first day

Photograph: (the sootr)

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RAIPUR.छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 14 दिसंबर रविवार से नवा रायपुर के नए विधानसभा भवन में हुई। इस बार के सत्र में प्रमुख मुद्दा राज्य के विकास से जुड़ा हुआ है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 'विजन 2047' पर अपनी बात रखी। 

पहले दिन कांग्रेस ने सत्र का बहिष्कार करके सबको चौंका दिया है। बहिष्कार पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी डूबती हुई नाव है, जिसका डूबना अब तय हो चुका है। 

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'विजन 2047': विकसित छत्तीसगढ़ का रोडमैप

सदन में इस वक्त सबसे अहम मुद्दा 'विजन 2047' पर चल रही जोरदार चर्चा का है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस विजन को विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में एक बहुत ही ठोस रोडमैप बताया है।

उन्होंने सदन को जानकारी दी कि इसे समाज के हर वर्ग से मिले सुझावों के आधार पर ही तैयार किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि इस विजन डॉक्यूमेंट को बनाने में करीब एक लाख लोगों की सलाह को शामिल किया गया है।

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शीतकालीन सत्र की शुरुआत: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 10 दिसंबर से नवा रायपुर के नए भवन में शुरू हुआ। कांग्रेस ने पहले दिन सत्र का बहिष्कार किया।

विजन 2047 पर चर्चा: वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 'विजन 2047' को राज्य के विकास का रोडमैप बताया, जिसमें लाखों लोगों की सलाह शामिल है।

अजय चंद्राकर का विरोध: भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने उद्योग नीति में छत्तीसगढ़ की झलक न होने का विरोध किया और राइस मिल की स्थिति पर चिंता जताई।

कांग्रेस का बहिष्कार: कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए छत्तीसगढ़ सदन में हंगामा कर बहिष्कार किया, पहले दिन प्रश्नकाल नहीं हुआ।

धर्मांतरण विधेयक की संभावना: शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण-संशोधन विधेयक लाए जाने की संभावना जताई गई, इस पर बहस हो सकती है।

कांग्रेस का बहिष्कार और सदन में हंगामा

शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने सत्र का बहिष्कार किया। कांग्रेस का कहना था कि सरकार ने अपने विकास कार्यों को जनता से छिपाया है। यह सत्र सिर्फ सरकार की छवि चमकाने के लिए है। पहले दिन के सत्र में प्रश्नकाल नहीं हुआ और कांग्रेस ने पूरी कार्यवाही का बहिष्कार किया।

वहीं, अगले दिनों में सत्र में हंगामे की संभावना जताई जा रही है। दूसरे दिन से 19 दिसंबर तक सदन में प्रमुख मुद्दे जैसे धर्मांतरण, धान, बिजली और जमीन दर पर बहस हो सकती है। इस दौरान विधायकों ने 628 सवाल तैयार किए हैं, जिनका जवाब मंत्रियों को देना होगा।

भाजपा विधायक चंद्राकर का विरोध, उठाए सवाल

वहीं, भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने भी शीतकालीन सत्र में अपने विचार रखे। उन्होंने 'विजन 2047' का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक नई प्रक्रिया की शुरुआत है। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि इस विजन के लिए एक ठोस नींव कब रखी जाएगी और अब तक इसमें क्या गलतियां हुईं?

चंद्राकर ने कहा कि वर्तमान उद्योग नीति में छत्तीसगढ़ की झलक नहीं है। उनका कहना था, "मेक इन छत्तीसगढ़" का ख्याल इस नीति में नहीं रखा गया है। इसके अलावा, उन्होंने राइस मिल की हालत पर भी चिंता जताई और कहा कि यदि खाद्य मंत्री चाहें तो इस मुद्दे पर स्वतंत्र बहस हो सकती है।

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हंगामेदार हो सकता है अगला दिन

यह शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक कुल 6 दिन चलेगा, और हंगामे के पूरे आसार हैं। कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप सहित कई सदस्य मौजूद रहे।

चूंकि पहले दिन कांग्रेस ने सत्र का बहिष्कार किया, इसलिए प्रश्नकाल नहीं हो सका। दूसरे दिन यानी 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक सदन में लॉ एंड ऑर्डर, धान खरीदी, जमीन दर जैसे मुद्दों पर हंगामे के आसार हैं।

विधायकों ने सत्र के लिए कुल 628 सवाल लगाए हैं, जिनका जवाब मंत्रियों को देना होगा। इस सत्र में सबसे अहम मुद्दा धर्मांतरण का हो सकता है। जानकारी मिली है कि सरकार धर्मांतरण-संशोधन विधेयक ला सकती है, जिससे राज्य की सियासत और गरमा सकती है।

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