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Photograph: (the sootr)
RAIPUR. 25 साल जिस भवन में छत्तीसगढ़ विधानसभा संचालित हुई। जिस भवन से राज्य की सत्ता और संविधान चला, आज 18 नवंबर को उसे विदाई दी जा रही है। इस विदाई के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। इस विशेष सत्र के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा अपने नए नवेले भवन नवा रायपुर में शिफ्ट हो जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने बताया कि यह सत्र केवल एक दिन का होगा। इस सत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मंत्रिमंडल सदस्य सहित सभी विधायक मौजूद रहेंगे। इस सत्र में विधायक विधानसभा से जुड़ी अपनी यादें ताजा करेंगे।
25 वर्षों की संसदीय यात्रा का जश्न
इस विशेष सत्र का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ विधानसभा की 25 साल की संसदीय यात्रा पर चर्चा करना है। सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक इस सत्र में अपने पुराने अनुभव साझा करेंगे। विधानसभा से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंगों और संसदीय यादों पर भी चर्चा की जाएगी।
इस सत्र को लोकतांत्रिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं को मजबूत करने का एक अवसर भी माना जा रहा है। जिससे न केवल छत्तीसगढ़ विधानसभा की यात्रा को समझा जा सकेगा। राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलेगा।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र और महत्व को ऐसे समझें
छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र: 18 नवंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा में 25 साल की संसदीय यात्रा पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें विधायक अपने अनुभव साझा करेंगे। नई विधानसभा भवन में शिफ्ट होने का प्रस्ताव: सत्र के दौरान नए विधानसभा भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। संसदीय परंपराओं को मजबूत करना: यह सत्र लोकतांत्रिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं को सशक्त करने का अवसर माना जा रहा है। विधानसभा की शुरुआत: छत्तीसगढ़ विधानसभा की यात्रा अस्थायी जशपुर हॉल से शुरू होकर अब 52 एकड़ में बने अत्याधुनिक भवन तक पहुंची है। 25वीं वर्षगांठ की प्रतीकात्मक फोटो: सत्र के अंत में सभी विधायक एक समूह फोटो खिंचवाएंगे, जो विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ का प्रतीक होगा। |
नए भवन में शिफ्ट होने का प्रस्ताव
इस विशेष सत्र के दौरान विधानसभा के कार्य संचालन को नए भवन में शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप या विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह इस प्रस्ताव पर चर्चा कर सकते हैं। यह प्रस्ताव नए विधानसभा भवन में शीतकालीन सत्र के आयोजन के लिए होगा।
सत्र के अंत में, सभी वर्तमान विधायक एक साथ फोटो खिंचवाएंगे। इसे विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ का प्रतीक माना जाएगा। यह फोटो विधानसभा के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनेगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की शुरुआत: टेंट से स्थायी भवन तक
छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था। उस समय राज्य की विधानसभा के लिए कोई स्थायी भवन नहीं था। राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक राजकुमार कॉलेज परिसर को अस्थायी विधानसभा भवन के रूप में चुना गया। यहां तक कि कुर्सियों, टेंट और फर्नीचर तक किराए पर मंगाए गए थे।
पहले सत्र के लगभग दो महीने बाद, 27 फरवरी 2001 को विधानसभा का बजट सत्र एक नए भवन में आयोजित हुआ। इस भवन को पहले से किसी और उद्देश्य के लिए बनाया गया था। यह भवन राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान का था। इस भवन से विधानसभा को स्थायी स्थान मिला। धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ विधानसभा अपने स्थायी रूप की ओर बढ़ी।
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नए भवन में प्रवेश: एक नए अध्याय की शुरुआत
आज के इस विशेष सत्र के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभ नए अत्याधुनिक भवन में शिफ्ट हो जाएगी। यह नया भवन 52 एकड़ में फैला हुआ है और राज्य की विधायी जरूरतों को भविष्य में पूरा करेगा। यह नया भवन नवा रायपुर में बनकर तैयार हो चुका है। इस भवन का उद्घाटन गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
विधानसभा की 25 साल की यात्रा, जो अस्थायी जशपुर हॉल से शुरू हुई थी, अब इस भव्य और आधुनिक भवन में पूरी हो रही है। पुराने भवन में आज का विशेष सत्र इस यात्रा के अंतिम पन्ने के रूप में जोड़ा जाएगा।
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