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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक प्रस्तावित है। कुल चार दिनों के इस सत्र में बैठकें तीन दिन 15, 16 और 17 दिसंबर को होगी। 14 दिसंबर रविवार होने के साथ ही विधानसभा स्थापना दिवस भी है। इस दिन नियमित बैठक के बजाय नए विधानसभा भवन में विकसित भारत 2047 विषय पर विशेष परिचर्चा की जाएगी। सत्र की अधिसूचना छत्तीसगढ़ सरकार जल्द जारी करेगी।
छोटा सत्र, बड़े मुद्दे
सत्र भले ही छोटा है लेकिन मुद्दे बड़े हैं जिनसे राजनीतिक माहौल गर्म रहने के आसार हैं। विपक्ष कानून-व्यवस्था, धान खरीदी, अपराधों में वृद्धि, धर्मांतरण और अन्य कई विषयों सरकार को घेरेगा।
सदन में तीखी नोकझोंक, जवाबी हमले और तेज बहस होने की संभावना है। कुछ अहम विधेयकों और सरकारी सूचनाओं पर भी चर्चा प्रस्तावित है। सरकार इस सत्र में धर्मांतरण रोकने के लिए नए और कड़े कानून का विधेयक भी लाने जा रही है।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन और शीतकालीन सत्र को ऐसे समझें
शीतकालीन सत्र की तारीखें: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 से 17 दिसंबर तक प्रस्तावित है, जिसमें 15, 16 और 17 दिसंबर को बैठकें होंगी। विशेष परिचर्चा: 14 दिसंबर को विधानसभा स्थापना दिवस पर नए भवन में "विकसित भारत 2047" पर विशेष परिचर्चा आयोजित होगी, कोई नियमित बैठक नहीं होगी। विपक्ष के मुद्दे: विपक्ष कानून-व्यवस्था, धान खरीदी, अपराधों में वृद्धि और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। नए विधानसभा भवन की शुरुआत: यह सत्र नए विधानसभा भवन में पहली बार होगा, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने 1 नवंबर को उद्घाटन किया था। भवन की विशेषताएं: नया विधानसभा भवन 300 करोड़ रुपए की लागत से बना है, जिसमें ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, और छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक पहचान को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाएं हैं। |
पहली बार नए विधानसभा भवन में होगी कार्यवाही
यह सत्र इसलिए भी ऐतिहासिक है कि इसमें पहली बार नए विधानसभा भवन में सदन की कार्यवाही होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 नवंबर को इस भवन का लोकार्पण किया था। नए विधानसभा भवन करीब 300 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। यह परिसर आधुनिक तकनीक, ऊर्जा दक्षता और छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक पहचान का अनोखा संगम है।
भवन के आंतरिक हिस्सों में बस्तर और सरगुजा की कला, लकड़ी की नक्काशी, पारंपरिक आकृतियां उकेरी गई है। इस भवन को राज्य की विरासत और आधुनिकता दोनों का प्रतीक माना जा रहा है। नए भवन में सत्र की शुरुआत को छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपरा का नया अध्याय माना जा रहा है। यह आने वाली विधायी कार्यवाहियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।
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नए विधानसभा भवन की प्रमुख विशेषताएं
- 120 विधायकों के बैठने की क्षमता
- ऊर्जा दक्षता और जल संरक्षण आधारित सिस्टम
- आधुनिक लाइटिंग, ऑडियो-वीडियो और सुरक्षा तकनीक
- ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित डिजाइन
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