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Photograph: (the sootr)
SUKMA. छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश बॉर्डर पर मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा मारा गया, जिस पर एक करोड़ का इनाम था।
बस्तर के आईजी पी. सुंदराज ने बताया कि हिड़मा लंबे समय से सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था। इस एनकाउंटर में हिड़मा की पत्नी भी मारी गई। कुल मिलाकर 7 नक्सली इस मुठभेड़ में ढेर हो गए। एनकाउंटर के बाद सुरक्षाबल पूरे इलाके में
यह मुठभेड़ सोमवार दोपहर से शुरू हुई थी, और अब तक छह नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। सुबह से लेकर देर रात तक गोलियों की आवाज गूंजती रही। सुरक्षाबल जंगलों में लगातार सर्चिंग करते रहे।
सर्च ऑपरेशन और मुठभेड़
यह एनकाउंटर सुकमा जिले के एर्राबोर थाना क्षेत्र में हुआ। सोमवार सुबह के समय पुलिस को सूचना मिली थी कि यहां बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। सूचना के आधार पर DRG (डिस्ट्रीक्ट रिजर्व गार्ड) के जवानों को इलाके में भेजा गया था। जैसे ही जवानों ने नक्सलियों को देखा, उन पर फायरिंग शुरू हो गई।
सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए नक्सलियों का मुकाबला किया। फिलहाल, मुठभेड़ में कई नक्सली घायल हुए हैं, और सर्च ऑपरेशन जारी है। ऑपरेशन पूरा होने पर ही नक्सलियों के नुकसान का सही आकलन किया जा सकेगा।
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नक्सली हिड़मा कौन था?
नक्सली हिड़मा माओवादी संगठन का एक खूंखार नेता था, जो छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश बॉर्डर पर सक्रिय था। वह कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल रहा है।
सुरक्षाबलों को इसकी लंबे समय से तलाश थी। उस पर एक करोड़ रुपए का बड़ा इनाम घोषित था। हिड़मा मूल रूप से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का रहने वाला था। वह नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी का मेंबर था।
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आगे क्या होगा?
सुरक्षा बलों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ उनकी कार्रवाई जारी रहेगी। ऑपरेशन पूरी तरह से खत्म होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि नक्सली संगठन को कितना नुकसान हुआ है। सुरक्षा बलों के अधिकारी कह रहे हैं कि इस तरह के ऑपरेशन से नक्सलियों का संगठन लगातार कमजोर हो रहा है।
16 नवंबर को भी मारे गए 3 नक्सली
छत्तीसगढ़ में हालिया दिनों में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में तेजी आई है। 16 नवंबर 2025 को सुकमा जिले के भेज्जी-चिंतागुफा क्षेत्र में तीन नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ था। यह मुठभेड़ सुबह हुई थी, जब पुलिस को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली।
इनपुट के बाद DRG के जवानों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और जंगल में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए और उनके शव भी बरामद कर लिए गए थे। मारे गए नक्सलियों पर 15 लाख का ईनाम था।
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नक्सलवाद के खिलाफ कार्रवाई: सरकार का रुख
भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खिलाफ कई सालों से संघर्ष कर रही हैं। इस संघर्ष में सुरक्षाबल और पुलिस विभाग कई बार नक्सलियों के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ के साथ ही बिहार, झारखंड और उड़ीसा में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इन ऑपरेशनों में नक्सली कमांडरों को निशाना बनाकर उन्हें गिरफ्तार या मारा जा रहा है।
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