बीजापुर जेल में बंद नक्सलियों से मिले उनके परिजन, बोले अब तो छोड़ दो हिंसा का रास्ता

बीजापुर जेल में बंद नक्सलियों से उनके परिवारजनों ने मुलाकात की। उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने की भावुक अपील की। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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Arun Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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RAIPUR. बीजापुर जेल परिसर में एक विशेष मुलाकात कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम ने नक्सली विचारधारा के कारण भटके परिवारों को एक बार फिर जोड़ने का रास्ता दिखाया। जेल में बंद नक्सलियों से उनके परिजन मिले और उनसे हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की। परिजनों ने नक्सलियों से कहा कि अब हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। मुलाकात के दौरान सरेंडर कर चुके लोगों से भी परिजनों ने मिलकर उनका समर्थन किया।

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आ अब लौट चलें 

पुनर्वासित माओवादी कैडर्स संतू वेक्को, मारो वेक्को, रामलाल वेक्को, संतोष कुंजाम ने मुलाकात की। वे अपने उन परिजनों से मिले जो बीजापुर जेल में नक्सल प्रकरण में निरुद्ध हैं। जेल में निरुद्ध अर्जुन वेक्को, मनी ओयाम, भीमसेन ओयाम से परिजनों ने मुलाकात की। भीमा मुचाकी, सायको माड़वी, सोमारू मड़कम, बुधरू आरकी और शंकर कोरसा मिले। मुलाकात के दौरान इन माओवादी कैडर्स ने आंसू नहीं रोक सके, भावुक हो गए।

नक्सली और परिवारजनों की मुलाकात को ऐसे समझें

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Photograph: (the sootr)
  • बीजापुर जेल में बंद नक्सलियों से उनके परिवारजनों ने मुलाकात की।
  • यह मुलाकात वर्षों से नक्सलवादी विचारधारा के कारण बिखरे परिवारों को जोड़ने की पहल थी।
  • परिजनों और सरेंडर कर चुके पूर्व नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने की भावुक अपील की।
  • जेल में बंद नक्सली अपने परिवार से मिलकर बहुत भावुक हुए, कई लोग आंसू नहीं रोक पाए।
  • उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह पहल भटके युवाओं को पुनर्वास का विकल्प देकर मुख्यधारा में लाने के लिए है।

परिवार को देख भावुक हुए मायोवादी

वर्षों बाद भाई ने भाई को गले लगाया, भाभी ने आंसू बहाए और सिर पर हाथ फेरा। चाचा ने अपने भतीजों को पहचाना, तो जेल का कठोर वातावरण भी पिघल गया। कई क्षण ऐसे थे जब शब्द नहीं बोले गए, लेकिन आंखों की नमी ने सब कह दिया। सभी ने अपने निरूद्ध परिजनों से कहा कि हमारे नेता भूपति ने हथियार छोड़ने की अपील की।भूपति ने खुद भी हथियार छोड़ दिए हैं, अब माओवाद छोड़ मुख्यधारा में शामिल हो जाओ।

हिंसा छोड़कर जीवन की नई राह अपनाने की अपील

पुनर्वासित कैडर्स ने अपने परिवारजनों को स्नेह और आत्मीयता के साथ समझाया। उन्होंने कहा, हम बदले, तो जिंदगी बदली, तुम भी हथियार छोड़ो, घर चलो। समाज तुम्हें वापस अपनाने को तैयार है, अब हिंसा का रास्ता छोड़ो। छत्तीसगढ़ शासन की पहल केवल मुलाकात तक सीमित नहीं, बल्कि सशक्त बनाने की है। यह पहल माओवादी विचारधारा में भटके युवाओं का भावनात्मक पुनर्वास करने की है। परिवारिक संबंधों को जोड़कर समाज में समरसता और अपनत्व बढ़ाने का उद्देश्य है।

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कभी बहकावे में थामी थी हिंसा की राह, अब करें पुर्नवास- उपमुख्यमंत्री 

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने माओवादी विचारधारा में भटके युवाओं को मुख्यधारा में लाने की बात कही। शासन द्वारा संवेदनशील पहल के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विश्वास और विकास सुनिश्चित हो रहा है। भटके हुए आदिवासी समाज के जेल में निरूद्ध युवाओं को पुनर्वास का विकल्प दिया जा रहा है। जो कभी बहकावे से हिंसा के रास्ते पर आए थे, अब उनके लिए राहें खोली जा रही हैं। विजय शर्मा ने कहा कि सभी को पुनर्वास करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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