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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। नक्सली ताबूत की आखिरी कील कुख्यात नक्सली लीडर हिड़मा और देवा ही बचे हैं। डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा, हिड़मा और देवा के पैतिृक गांव पुवर्ति पहुंचे। यहां वे नक्सलियों की माताओं से मिले। शर्मा ने कहा कि वे अपने बेटों से कहें कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर करें। सरकार अपनी नई पुनर्वास नीति के तहत उनका पूरा ध्यान रखेगी।
नक्सली लीडर की माताओं ने भी अपने बेटों से गुहार लगाई कि वे लौट आएं और शांति की जिंदगी जिएं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) मीटिंग होने वाली है। सरकार इस मीटिंग से पहले इन दोनों कुख्यात नक्सलियों का सरेंडर करवाना चाहती है। इनका सरेंडर सरकार की एक बड़ी कामयाबी होगी। डीजीपी कॉन्फ्रेंस में पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे
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हिड़मा की मां की अपील
ये है कुख्यात नक्सली हिड़मा की मां जो अपने बेटे से कह रही है कि कहां पर हो,आ जाओ। और क्या कहूं बेटा, आजा। नही आ रहा है तो मैं कैसे करूं आ जा ही बोल रही हूं। तेरा पता होता तो जाकर ले आती। कहां हो बेटा घर आ जाओ, कमाई करके खाएंगे, जिएंगे यहां। जनता के साथ जी लेना आ जाओ। हिड़मा की मां के साथ नक्सली देवा की मां ने भी कुछ इसी तरह की अपील अपने बेटे से की।
नक्सलियों की माताओं की अपील को ऐसे समझेंछत्तीसगढ़ सरकार की पहल: सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्रयासरत है। नक्सली लीडर हिड़मा और देवा के आत्मसमर्पण के लिए काम कर रही है। माताओं की भावुक अपील: हिड़मा और देवा की माताओं ने अपने बेटों से हिंसा का रास्ता छोड़कर घर लौट आने की गुहार लगाई है। गृहमंत्री विजय शर्मा की मुलाकात: गृहमंत्री विजय शर्मा ने पुवर्ती गांव में हिड़मा और देवा की माताओं से मुलाकात की। सरकार की पुनर्वास नीति के बारे में बताया। सरकार का समर्थन: सरकार ने दोनों नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत पूरी मदद का वादा किया है, यदि वे आत्मसमर्पण करते हैं। डीजीपी कान्फ्रेंस से पहले महत्व: सरकार इन नक्सलियों का 28 नवंबर से पहले सरेंडर करवाना चाहती है। यह सरेंडर सरकार की उपलब्धि होगा। राज्य में 28 से डीजीपी कांफ्रेंस होना है। |
एक दिन पहले उनके घर पहुंचे थे गृहमंत्री
हिड़मा और देवा की मां अचानक क्यों अपने बेटों से वापसी की गुहार लगा रही है। इसके पीछे की कहानी ये है कि 10 नवंबर को सरकार और प्रशासन की बड़ी टीम इन नक्सलियों के गांव पहुंची थी। इनका गांव सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड का ग्राम पुवर्ती है। इसी गांव से छत्तीसगढ़ के दो सबसे बड़े नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा और बारसे देवा निकले हैं। यहां आज भी उनके परिवार के लोग रहते हैं।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने हिड़मा की माता माड़वी पुंजी और बारसे देवा की माता बारसे सिंगे से मुलाकात की। उन्होंने सरकार की ओर से कहा की पुनर्वास करने पर इन दोनों का सरकार पूरा ध्यान रखेगी। हिड़मा और देवा बड़े नक्सली लीडर हैं जिन पर लाखों का इनाम है। यह ही छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की अगुवाई करते रहे हैं। विजय शर्मा न सिर्फ हिड़मा के गांव पहुंचे बल्कि वहां के लोगों के साथ खाना खाया, बच्चों को दुलार किया। अपनी इस पहल के बारे में उन्होंने मीडिया को भी बताया।
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डीजीपी कॉन्फ्रेंस से पहले की स्क्रिप्ट
सरकार की स्क्रिप्ट के पीछे छत्तीसगढ़ में 28 से 30 नवंबर तक होने वाली नेशनल डीजीपी कॉन्फ्रेंस है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री शाह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और राज्यों के डीजीपी शामिल होंगे। सरकार की कोशिश है कि यदि यह प्रयास सफल हुआ, तो यह बड़ी सफलता होगी।
नक्सल लीडर की माताओं ने वीडियो जारी कर अपने बेटों से पुनर्वास की अपील की है। हिड़मा और देवा का सरेंडर सरकार के लिए बड़ी कामयाबी होगी। यह सरेंडर नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। सरकार की इस पहल की तारीफ की जा रही है।
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