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Photograph: (the sootr)
RAIPUR. नवा रायपुर में 28 से 30 नवंबर तक आयोजित होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस एक ऐतिहासिक बैठक होने जा रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और देशभर के डीजीपी (DGPs) भाग लेंगे।
इस बैठक का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है। इस मीटिंग में नक्सलियों के खिलाफ आखिरी वार की रणनीति तैयार की जाएगी।
यह बैठक छत्तीसगढ़ में आयोजित की जा रही है, जो नक्सलियों द्वारा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों के समाधान के लिए अब आधुनिक तरीके अपनाएं जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा।
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डीजीपी कॉन्फ्रेंस में बनेगी प्रमुख नक्सलियों के खिलाफ रणनीति
इस विशेष कॉन्फ्रेंस का सबसे बड़ा मुद्दा नक्सलियों के खिलाफ ठोस रणनीति तैयार करना है। इसके साथ साइबर क्राइम, ड्रग्स कार्टेल और इंटेलिजेंस शेयरिंग जैसी समस्याओं से निपटने की रणनीति भी बनेगी।
नक्सलवाद एक ऐसी चुनौती है, जो पिछले कई वर्षों से देश के कुछ हिस्सों में सक्रिय है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा अभियान को सख्त बनाया जाएगा। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा और नक्सलवाद पर विशेष चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अधिकारियों से डायरेक्ट फीडबैक लेंगे, ताकि नक्सलियों के खिलाफ रणनीति को और मजबूत किया जा सके।
आधुनिक तकनीकों से लैस होगी पुलिस
सम्मेलन में आधुनिक पुलिसिंग के तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी निगरानी चर्चा का विषय होगा। इंटेलिजेंस शेयरिंग और साइबर क्राइम से निपटने के लिए सभी राज्यों के पुलिस प्रमुख मिलकर रणनीतियां तैयार करेंगे।
ड्रग्स और साइबर अपराधों से मुकाबला
बैठक में ड्रग्स कार्टेल और साइबर क्राइम के मामलों पर भी गहरी चर्चा की जाएगी। पिछले कुछ वर्षों में इन अपराधों ने भारतीय समाज को गहरे रूप से प्रभावित किया है। साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपराधों के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए भी नई रणनीतियों पर विचार किया जाएगा।
पहली बार सभी स्तरों के अधिकारी होंगे शामिल
यह बैठक खास इसलिए है क्योंकि पहली बार गृह सचिव और आईजी स्तर के अधिकारी भी डीजीपी कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे। इससे न केवल राज्य स्तर की रणनीतियां विकसित होंगी, बल्कि केंद्रीय बलों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच भी बेहतर समन्वय स्थापित होगा। इससे देशभर में सुरक्षा की स्थिति और बेहतर हो सकेगी।
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अजीत डोभाल की महत्वपूर्ण भूमिका
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ अजीत डोभाल इस बैठक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं। वह इस अवसर पर देशभर के पुलिस प्रमुखों द्वारा किए गए सुरक्षा समीक्षा के कार्यों को प्रस्तुत करेंगे। उनका उद्देश्य सुरक्षाबलों की क्षमता और एकजुटता को बढ़ाना होगा। नक्सलियों और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ मजबूत कदम पर जोर रहेगा।
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