कुख्यात नक्सली लीडर हिड‍मा और देवा की मां से डिप्टी सीएम की गुहार, बेटों को करो पुनर्वास के लिए तैयार

छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। नक्सली ताबूत की आखिरी कील कुख्यात नक्सली लीडर हिड़मा और देवा ही बचे हैं। डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा, हिड़मा और देवा के पैतिृक गांव पुवर्ति पहुंचे और उनकी माताओं से मुलाकात की।

author-image
Arun Tiwari
New Update
chhattisgarh-home-minister-visits-naxalite-hidma-deva-villages
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Raipur. छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। नक्सली ताबूत की आखिरी कील कुख्यात नक्सली लीडर हिड़मा और देवा ही बचे हैं। डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा, हिड़मा और देवा के पैतिृक गांव पुवर्ति पहुंचे और उनकी माताओं से मुलाकात की। शर्मा ने कहा कि वे अपने बेटों से कहें कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार के सामने सरेंडर करें। सरकार अपनी नई पुनर्वास नीति के तहत उनका पूरा ध्यान रखेगी। नक्सली लीडर की माताओं ने भी वीडियो जारी कर अपने बेटों से पुनर्वास करने को कहा। 

हिड़मा आया तो बड़ी कामयाबी : 

10 नवंबर को सुबह 10:30 बजे सरकार और प्रशासन की बड़ी टीम सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के ग्राम पुवर्ती पहुंची। इसी गाँव से छत्तीसगढ़ के दो सबसे बड़े नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा और बारसे देवा निकले हैं जहां आज भी उनके परिवार के लोग रहते हैं। गृहमंत्री विजय शर्मा ने हिड़मा की माता माड़वी पुंजी और बारसे देवा की माता बारसे सिंगे से मुकाकात की और सरकार की तरफ़ से कहा की पुनर्वास करने पर इन दोनों का सरकार पूरा ध्यान रखेगी।

नक्सल लीडर की माताओं ने भी वीडियो जारी कर अपने बेटों को पुनर्वास करने कहा है। यदि हिड़मा और देवा ने सरेंडर किया तो सरकार के लिए यह बड़ी कामयाबी होगी। ऐसा हुआ तो यह नक्सली ताबूत में आखिरी कील ठोंकने जैसा होगा। हिड़मा और देवा बड़े नक्सली लीडर हैं जिन पर लाखों का इनाम है। यह ही छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की अगुवाई करते रहे हैं।

ये खबर भी पढ़ें... नक्सली हिड़मा के गांव तक पहुंचा विकास! सुकमा के पुवर्ती गांव में बेली ब्रिज का निर्माण पूरा

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जीत : 17 लाख की इनामी नक्सली कमला सोरी ने किया आत्मसमर्पण

यह बस्तर का पुनर्जन्म जैसा : 

विजय शर्मा ने कहा कि हिड़मा और बारसे देवा जैसे बड़े नक्सली यदि मुख्यधारा में लौटते हैं तो यह सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि पूरे बस्तर का पुनर्जन्म होगा। सरकार उनके पुनर्वास के लिए हर संभव सहायता देने को तैयार है। इस पहल को बस्तर क्षेत्र में नक्सल हिंसा के खात्मे की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। लंबे समय से हिड़मा और बारसे देवा जैसे कुख्यात नक्सली पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बने हुए हैं। लेकिन अब जब उनके परिवार खुद आगे आकर पुनर्वास की अपील कर रहे हैं, तो यह संकेत है कि बदलाव की बयार धीरे-धीरे बस्तर के जंगलों तक पहुँच रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हिड़मा और बारसे देवा जैसे नेता आत्मसमर्पण कर लें, तो न सिर्फ हिंसा रुकेगी बल्कि बस्तर फिर से अपने असली रूप में लौट सकेगा ।

ये खबर भी पढ़ें... Naxal Surrender: एक करोड़ के इनामी भूपति समेत 60 नक्सलियों ने किया सरेंडर, माओवाद को बड़ा झटका

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से शांतिवार्ता पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने रखी शर्तें, बोले तत्काल हत्याएं रोके नक्सली

नक्सली हिड़मा Raipur गृहमंत्री विजय शर्मा छत्तीसगढ़ सरकार
Advertisment