/sootr/media/media_files/2025/12/12/chhattisgarh-bastar-10-naxalites-surrender-33-lakh-reward-the-sootr-2025-12-12-16-26-42.jpg)
Bastar. छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के लिए चलाए जा रहे 'पूना मारगेम' अभियान के तहत, दरभा डिवीजन के कुल 10 माओवादियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
इन माओवादियों पर राज्य सरकार और केंद्र की ओर से 33 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
सरेंडर करने वालों में 8 लाख का इनामी भी शामिल
सरेंडर करने वाले माओवादियों में एक बड़ा नक्सली, मीडियम भीमा, भी शामिल है, जिस पर अकेले 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।माओवादियों ने समर्पण के दौरान बड़ी संख्या में हथियार भी जमा किए, जिनमें शामिल हैं:
- 1 AK-47 राइफल
- 2 SLR (Self Loading Rifle)
- 1 BGL (Barrel Grenade Launcher)
- अन्य गोला-बारूद व सामग्री
नक्सलियों ने केंद्र और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ लेने का निर्णय लिया है।
ऐसे समझें पूरी खबर
दरभा डिवीजन के 10 माओवादियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया। इन माओवादियों पर 33 लाख रुपए का इनाम घोषित था, जिनमें 8 लाख का इनामी मीडियम भीमा शामिल है। नक्सलियों ने 1 AK-47, 2 SLR, और 1 BGL सहित भारी हथियार जमा किए। यह समर्पण 'पूना मारगेम' (गोंडी में 'पुनर्वास से पुनर्जीवन') नीति का लाभ लेने के लिए किया गया है। आईजी बस्तर पी. सुंदरराज ने सक्रिय PLGA बटालियन के नक्सली नेताओं (देवजी, गणपति, गणेश उइके) से भी सरेंडर की अपील की है। |
समर्पण कार्यक्रम में उच्चाधिकारी रहे मौजूद
यह समर्पण कार्यक्रम सुकमा में आयोजित किया गया। इस दौरान बस्तर क्षेत्र के कई वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें शामिल हैं:
- आईजी बस्तर - पी. सुंदरराज
- सीआरपीएफ डीआईजी - आनंद सिंह राजपुरोहित
- सुकमा एसपी - किरण चव्हाण
- कलेक्टर - देवेश ध्रुव
ये खबर भी पढ़ें... बस्तर नक्सल सरेंडर: 1 करोड़ के इनामी रामधेर मज्जी समेत 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर
आईजी बस्तर की अपील और नक्सल मोर्चे की स्थिति
आईजी बस्तर पी. सुंदरराज ने इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए नक्सल मोर्चे की वर्तमान स्थिति और पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी में नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो अब भी सक्रिय है। बस्तर डिवीजन और साउथ बस्तर डिवीजन के कई नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं।
अब बस्तर में सिर्फ कुछ गिने-चुने नक्सली ही सक्रिय बचे हैं। आईजी ने बताया कि इस समय केवल पीएलजीए (PLGA) बटालियन के नक्सली थोड़े सक्रिय हैं। उन्होंने देवजी, गणपति, और गणेश उइके जैसे अभी भी सक्रिय बड़े माओवादी नेताओं से अपील की है कि उनके पास अब सरेंडर के अलावा कोई चारा नहीं है और वे भी समाज की मुख्यधारा में लौट आएं।
'पूना मारगेम' अभियान: पुनर्वास से पुनर्जीवन
बस्तर क्षेत्र में चलाए जा रहे नक्सली पुनर्वास कार्यक्रम का नाम 'पूना मारगेम' है। यह शब्द गोंडी भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ है 'पुनर्वास से पुनर्जीवन'। इस अभियान के तहत सरकार नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने के लिए प्रेरित कर रही है।
सरकार की इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक सहायता, कौशल प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/12/12/10-maoists-surrender-2025-12-12-16-39-11.jpg)