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Kondagaon. छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में नक्सल अभियान को बड़ी सफलता मिली है। जिले के कुदूर निवासी पिलसाय कश्यप, जो कि 1 लाख रुपए का इनामी नक्सली था, ने शुक्रवार 18 अक्टूबर को एसपी ऑफिस पहुंचकर आत्मसमर्पण किया।
पिलसाय लंबे समय से नक्सली संगठन में सक्रिय था और कई बड़ी नक्सली वारदातों में उसका हाथ रहा है। आत्मसमर्पण के समय वह पूर्वी बस्तर डिवीजन के अंतर्गत कृषि विभाग/आमदई एलओएस (Local Organization Squad) का सदस्य था।
सुरक्षा बलों और सरकार की नीतियों का असर
नक्सली पिलसाय कश्यप ने बताया कि उसने सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों, नक्सली संगठन में बढ़ते मतभेदों, शीर्ष नक्सल नेताओं के सरेंडर, और राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 के प्रभाव से प्रेरित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
इसके साथ ही, शासन की “नियद नेल्ला नार योजना”, ग्रामीण इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, मोबाइल नेटवर्क जैसी सुविधाओं का विस्तार और सामुदायिक पुलिसिंग ने भी ग्रामीणों और नक्सलियों में विश्वास का माहौल बनाया है।
कई गंभीर घटनाओं में शामिल था पिलसाय
पिलसाय का आपराधिक रिकॉर्ड काफी गंभीर रहा है। 1-2 जून 2024 की रात उसने ग्राम दुड़मी में रिलायंस जियो टावर मशीनरी में आगजनी की और नक्सली बैनर लगाए थे। 20 अगस्त 2021 को कड़ेमेटा कैंप से निकली आईटीबीपी पार्टी पर हमला करने, दो जवानों की हत्या और हथियार लूटने के मामले में भी उसकी संलिप्तता रही है।
आत्मसमर्पण के बाद मिला सम्मान और सहायता
आत्मसमर्पण (Kondagaon Naxal Surrender) के बाद पिलसाय कश्यप को शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 के तहत तत्काल 50,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके अलावा, उसे अन्य पुनर्वास सुविधाएं प्रदान करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्राचार भेजा गया है। आत्मसमर्पण के समय एसपी वाय. अक्षय कुमार (भा.पु.से.), कमल सिंह (डिप्टी कमांडेंट, सीआरपीएफ 188वीं बटालियन), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) रूपेश कुमार डांडे, और डीएसपी (ऑप्स) सतीष भार्गव समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सरकार का प्रयास: नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लाना
राज्य सरकार का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार विकास कार्यों और योजनाओं के चलते नक्सलियों का विश्वास बढ़ा है, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत पुनर्वास, आर्थिक सहायता, रोजगार और शिक्षा के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं ताकि नक्सल हिंसा से प्रभावित लोग नया जीवन शुरू कर सकें।
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