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Bastar. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे आत्मसमर्पण अभियान को ऐतिहासिक सफलता मिली है। बस्तर में कुल 210 माओवादी कैडर, जिनमें 110 महिलाएं और 100 पुरुष शामिल हैं, ने अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों के पास से कुल 153 हथियार बरामद किए गए हैं।
ऐतिहासिक आत्मसमर्पण
यह सरेंडर कार्यक्रम जगदलपुर पुलिस लाइन परिसर में आयोजित किया गया, जहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, अर्धसैनिक बल और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस ने भारतीय संविधान की किताब और गुलाब का फूल भेंट कर समाज की मुख्यधारा में स्वागत किया।
सरेंडर कार्यक्रम में शामिल नक्सलियों को तीन बसों से लाया गया, जिनमें महिला नक्सलियों की संख्या अधिक थी। वहीं, सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) सतीश उर्फ टी. वासुदेव राव उर्फ रूपेश को अलग से कार द्वारा कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। रूपेश माड़ डिवीजन में सक्रिय था और उस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।
टॉप नक्सली लीडर्स भी आए सामने
210 नक्सलियों ने किया सरेंडर,कई वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल —
- रूपेश उर्फ सतीश- सेंट्रल कमेटी सदस्य (1 करोड़ इनामी)
- भास्कर उर्फ राजमन मण्डावी- दण्डकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति सदस्य
- रणिता, राजू सलाम, धन्नू वेत्ती उर्फ सन्तू, और रतन इलम- DKSZC और क्षेत्रीय समिति के सदस्य
कुल मिलाकर आत्मसमर्पण करने वालों में 1 केंद्रीय समिति सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य और 61 एरिया कमेटी सदस्य शामिल हैं।
हथियारों का बड़ा जखीरा किया गया जमा
सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने बड़ी मात्रा में हथियार भी सुरक्षाबलों के हवाले किए। इनमें शामिल हैं —
- 19 AK-47 राइफलें
- 17 SLR राइफलें
- 23 INSAS राइफलें
- 1 INSAS LMG (लाइट मशीन गन)
- 36 .303 राइफलें
- 4 कार्बाइन
- 11 बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर)
- 41 बारह बोर / सिंगल शॉट बंदूकें
- 1 पिस्तौल
इन सभी हथियारों को कार्यक्रम स्थल पर अधिकारियों के सामने रखा गया।
बस्तर में बदलता माहौल
जानकारी के मुताबिक, सरेंडर करने वाले कई नक्सली इंद्रावती नदी के पार के इलाकों से अपने लीडरों के साथ आए थे। वहां से उन्हें बोट के जरिए बीजापुर लाया गया, फिर एक साथ जगदलपुर में आत्मसमर्पण कराया गया।
DGP अरुण देव गौतम ने कहा- “जो युवा अब तक भटके हुए थे, वे सोचते थे कि वे जनता के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि वे बस्तर की जनता को नुकसान पहुंचा रहे थे। अब वे विकास के रास्ते पर चलना चाहते हैं।”
दंण्डकारण्य क्षेत्र में निर्णायक मोड़
पिछले 48 घंटों में दंण्डकारण्य क्षेत्र में चलाए जा रहे आत्मसमर्पण अभियान के तहत कुल 208 से अधिक माओवादी कैडर ने हथियार डाले हैं। यह संख्या बताती है कि नक्सल आंदोलन अब अपने कमजोर दौर में है और बड़ी संख्या में माओवादी समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं।