RAIPUR. छत्तीसगढ़ में पिछले चार दिनों से कांग्रेस की हार के कारणों को तलाश रही फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की आखिरी बैठक में लेटर बम फट पड़ा। जैसी की आशंका थी कार्यकर्ताओं ने वीरप्पा मोइली के सामने जमकर अपनी भड़ास निकाली। हार की वजह गुटबाजी और भितरघात को बताया।
समीक्षा बैठक के आखिरी दिन एक लेटर बम ने धमाका कर दिया। सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ जिसमें कहा गया कि भूपेश बघेल के अहंकार के कारण पार्टी हार गई। हालांकि इस लेटर में किसी का नाम नहीं लिखा था। पत्र लिखने वाले ने अपना नाम कांग्रेस का समर्पित सिपाही बताया। इस पत्र में चुन चुन कर वे सभी कारण लिखे गए जो इस कमेटी की बैठक के चार दिनों में सामने आए।
पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रदेश में हुए घोटालों में जेल जाने के डर से कांग्रेस को हराने का षड्यंत्र रचा गया। भूपेश के साथ ही महंत, अकबर और ताम्रध्वज पर भी निशाना साधा गया है। लिखा है कि, महंत ने भूपेश और डहरिया को निपटाया है।
एआईसीसी को पेश होगी रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के खराब प्रदर्शन पर कांग्रेस की मैराथन समीक्षा पूरी हो गई है। 4 दिनों तक लगातार फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चेयरमैन वीरप्पा मोइली और उनकी टीम ने हार की वजह तलाशी। इसके लिए रायपुर के अलावा बिलासपुर, कांकेर में भी कमेटी पहुंची। सोमवार (1 जुलाई) को आखिरी बैठक के बाद कमेटी के सदस्य हरीश चौधरी ने कहा कि, हमने सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं की बात सुनी है। लोकसभा प्रत्याशियों और विधायकों के साथ वन टू वन चर्चा भी हुई। जल्द ही हम अपनी रिपोर्ट AICC को सौंपेंगे। पत्र को लेकर कमेटी के सदस्य हरीश चौधरी ने कहा कि, जिन्होंने पत्र लिखा है वह कांग्रेसी नहीं है। कांग्रेस का सदस्य होता तो परिवार में बात रखता। अपने पत्र को सार्वजनिक नहीं करता।
बैज बोले- कुछ कमियां रहीं जिससे हारे चुनाव
वहीं फैक्ट फाइडिंग कमेटी की बैठक को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, सत्ता-संगठन के बीच तालमेल था, लेकिन कुछ कमियां रहीं, जिसके चलते हमें चुनाव में सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि, सभी सीनियर नेताओं ने कमेटी को सुझाव दिए हैं। आने वाले समय में संगठन को नए तरीके से मजबूत करके सीनियर नेताओं को साथ में लेकर मजबूती से काम करेंगे।
बैज ने आगे कहा कि, आने वाले समय में नगरीय निकाय, पंचायत चुनाव मजबूती के साथ लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि, विधानसभा चुनाव के बाद जिला स्तर पर समीक्षा की गई थी। कहीं ना कहीं कुछ कारण रहा होगा। नई रणनीति के साथ आने वाले समय में लड़ा जाएगा।
दीपक बैज ने लगाए ये आरोप
वहीं बैज ने आरोप लगाया कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी बच्चे को सरेआम पीट-पीट कर मार डाला गया। आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में राजधानी में आदिवासी असुरक्षित है। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में रहने वाला 21 साल का मासूम बच्चा मंगल मुराया का कसूर क्या था? उसने पढ़ाई करने नया रायपुर के एक निजी कॉलेज में एडमिशन लिया था। उसका सिर्फ इतना ही कसूर था कि वह मासूम आदिवासी था। उसने बड़ी मासूमियत से रास्ता पूछा था, लिफ्ट मांगा था उसको सरेआम गाड़ी में बैठा कर ले जाया गया पीट-पीट कर मार डाला गया।thesootr links
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