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Raipur. छत्तीसगढ़ में हुई डीजीपी कान्फ्रेंस की तीन दिन की मैराथन बैठक पर डीटेल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यह विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय पुलिसिंग के मामले में राज्यों की रैंकिंग जारी करेगा। सूत्रों की मानें तो इस बार छत्तीसगढ़ को मॉडल स्टेट का मेडल मिल सकता है। बैठक में नक्सल पर किए गए एक्शन का प्रजेंटेशन दिया गया था। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। छत्तीसगढ़ में हो रहे नक्सल के खात्मे को कामयाब माना गया है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ को मॉडल स्टेट का तमगा मिलने की पूरी उम्मीद है।
तीन दिन की रिपोर्ट हो रही तैयार :
छत्तीसगढ़ के आईआईएम में तीन दिनों तक नेशनल डीजीपी कान्फ्रेंस हुई। इसमें देश के सभी प्रदेशों के डीजीपी और आईजी शामिल हुए। यह कान्फ्रेंस 28 से 30 नवंबर तक हुई। इस बैठक में दो दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तीन दिन तक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मौजूद रहे। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल हुए। केंद्र सरकार ने तय किया है कि पूरे देश की पुलिसिंग के आधार पर एक मॉडल स्टेट चुना जाएगा। इस कान्फ्रेंस की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
इस रिपोर्ट को गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। चूंकि तीन दिनों तक हर राज्य के पुलिस प्रमुखों ने कानून व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा, उभरती चुनौतियां, सायबर अपराध और माओवादी उन्मूलन पर प्रजेंटेशन दिए थे। इसीलिए इस रिपोर्ट के आधार पर ही मॉडल स्टेट का चयन किया जाएगा। गृह मंत्रालय राज्यों की रैंकिंग का ऐलान करेगा।
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मॉडल स्टेट बनने में छत्तीसगढ़ आगे :
सूत्रों की मानें तो इस बार छत्तीसगढ़ को मॉडल स्टेट का दर्जा मिल सकता है। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी मुहिम का इस बैठक में खास तौर पर जिक्र किया गया था। छत्तीसगढ़ के प्रजेंटेशन में नक्सल मूवमेंट और उस पर किए गए एक्शन की पूरी डीटेल बताई गई थी। छत्तीसगढ़ का कुख्यात नक्सली और एक करोड़ का इनामी हिड़मा के एनकाउंटर की बड़ी कामयाबी का जिक्र भी इस दौरान किया गया। छत्तीसगढ़ की ओर से डीजीपी अरुणदेव गौतम,एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद, सरगुजा आईजी दीपक झा और बीजापुर बटालियन के कमांडेंट मयंक गुर्जर ने प्रजेंटेशन दिए।
छत्तीसगढ़ में अब तक 487 से अधिक नक्सली न्यूट्रलाइज, 1849 से ज्यादा गिरफ्तार और 2250 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इस दौरान छत्तीसगढ़ की नक्सल पुनर्वास नीति की भी चर्चा हुई जिसके कारण इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सरेंडर किया। ऐसा माना जा रहा है कि माओवादी मोर्चे पर लगातार कामयाबी हासिल करने और बस्तर में आए सुधार के चलते छत्तीसगढ़ इस रेस का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है।
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बदलेगा छत्तीसगढ़ की पुलिस का चेहरा :
डीजीपी कान्फ्रेंस के बाद छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा बदलाव ये आने जा रहा है कि अब पूरी पुलिस का चेहरा बदलेगा। इस कान्फ्रेंस में पीएम मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि पुलिस के बारे में जनता की धारणा बदलनी चाहिए। पुलिस युवाओं तक अपनी पहुंच बढ़ाए। साथ ही उन्होंने शहरी और पर्यटन पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने और नए आपराधिक कानूनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री की मंशा और विजन के हिसाब से अब छत्तीसगढ़ की पुलिस खुद में बदलाव ला रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब सामुदायिक पुलिसिंग को अनिवार्य किया जा रहा है। बैठक में नक्सल मोर्चे पर मिली कामयाबी की चर्चा पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आंकड़े बदलते बस्तर और सरकार की नीतियों में बढ़ते विश्वास का स्पष्ट प्रमाण हैं। लगातार बढ़ते आत्मसमर्पण से बस्तर में नई सुबह की शुरुआत हुई है, जहाँ अब शांति, प्रेम, भाईचारा और स्थायी समृद्धि का वातावरण निर्मित हो रहा है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ को मॉडल स्टेट बनने की उम्मीद है।
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