300 करोड़ में जीवीके को पुलिस की गाड़ियां चलाने का कांट्रेक्ट,टेंडर से हटाई अनुभव की शर्त,विजिलेंस कमीशन के नियम का पालन नहीं

लंबे समय से अटका पड़ा डायल 112 का टेंडर पुलिस मुख्यालय ने फायनल कर दिया है। यह टेंडर करीब 300 करोड़ में जीवीके ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को दिया गया है। पुलिस मुख्यालय की कमेटी ने इस फायनल कर फाइल सरकार के पास भेज दी है।

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Arun Tiwari
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Raipur. लंबे समय से अटका पड़ा डायल 112 का टेंडर पुलिस मुख्यालय ने फायनल कर दिया है। यह टेंडर करीब 300 करोड़ में GVK EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को दिया गया है। पुलिस मुख्यालय की कमेटी ने इस फायनल कर फाइल सरकार के पास भेज दी है। सरकार को अब इस पर अंतिम मुहर लगानी है। तीन साल पहले खरीदी गईं 400 नई बुलेरो को अब डायल 112 में चलाया जाएगा। यह गाड़ियां खड़ी खड़ी कबाड़ हो चुकी हैं अब इनके चलने की बारी आई है। जल्द ही सरकार की मंजूरी के बाद छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में पुलिस सेवा में इन गाड़ियों का संचालन शुरु हो जाएगा।   

दिसंबर तक दौड़ने लगेगी डायल 112 : 

छत्तीसगढ़ में पुलिस की इमरजेंसी सेवा डायल 112 का संचालन दिसंबर तक शुरु हो सकता है। इसके लिए लंबे समय से प्रक्रिया चल रही थी लेकिन टेंडर फायनल नहीं हो पा रहा था। पुलिस मुख्यालय की कमेटी ने जीवीके ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज का टेंडर फाइनल कर दिया है। इसकी दरें और अन्य शर्तें बाकी कंपनियों से कम पाई गईं। कंपनी को ठेका देने के लिए फाइल शासन को भेज दी गई है। यह कंपनी प्रदेश में 400 से ज्यादा पुलिस गाड़ियों का संचालन करेगी। 15 दिन के भीतर शासन से मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद जीवीके इमरजेंसी व्हीकल्स का संचालन करेगी। कंपनी को यह ठेका 5 साल के लिए दिया जाएगा। पहली बार डायल-112 के साथ नेशनल हाइवे पर चलने वाली हाइवे पेट्रोलिंग की 60 गाड़ियों के लिए संयुक्त टेंडर निकाला गया था। दोनों का संचालन अब जीवीके करेगी। 

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एंबुलेंस चलाने वाली कंपनी चलाएगी पुलिस वाहन : 

जीवीके को अब तक सिर्फ एंबुलेंस संचालन का अनुभव है। पहली बार पुलिस संबंधित इमरजेंसी गाड़ियों के संचालन का ​का जिम्मा कंपनी को मिला है। हालांकि टेंडर में से पुलिस की गाड़ियां चलाने के अनुभव की अनिवार्यता की शर्त हटा दी गई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अक्टूबर में डायल-112 और हाइवे पेट्रोलिंग की गाड़ियां चलाने के लिए टेंडर जारी किया गया था। इसमें 7 कंपनियां शामिल हुई थीं। इनमें से जीवीके ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज और डेनेब एंड पोलक्स टूर एंड ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड को शॉर्टलिस्ट किया गया था। बाद में जीवीके का टेंडर फाइनल किया गया।

इन कंपनियों ने भरा टेंडर : 

जीवीके ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज
डेनेब एंड पोलक्स टूर्स एंड ट्रेवल्स प्रालि 
सम्मान फाउंडेशन
कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटिवेशन प्रोग्राम 
विजन प्लस
जय अंबे प्रालि 
एबीपी कंपनी 

शार्टलिस्ट हुईं इन कंपनियों का इतना रेट : 

जीवीके ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज ने 460 गाड़ियां चलाने के लिए 310 करोड़ रुपए की दर दी। डेनेब एंड पोलक्स टूर्स एंड ट्रेवल्स प्रा. लि. ने 460 गाड़ियों के लिए 342 करोड़ की दर दी। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी) का नियम है कि पहली बार जब कोई टेंडर जारी किया जाए, तो प्रतिस्पर्धी बोली, नीलामी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कम से कम तीन योग्य कंपनियां पात्र होनी चाहिए। तभी टेंडर प्रक्रिया पूरी मानी जाती है। लेकिन पीएचक्यू की कमेटी ने सिर्फ दो कंपनियों में ही टेंडर फाइनल कर दिया।

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अभी संचालन एबीपी के हवाले : 

एबीपी फिलहाल डायल-112 का संचालन कर रही है। टेंडर में शामिल ज्यादातर कंपनियों को डायल-112 और हाइवे पेट्रोलिंग जैसी पुलिस संबंधी इमरजेंसी सेवाओं के संचालन का अनुभव नहीं है। अधिकांश कंपनियां हेल्थ सेक्टर में काम कर चुकी हैं। हालांकि पुलिस मुख्यालय ने टेंडर की शर्तों में अनुभव को अनिवार्य नहीं किया था।

टेंडर ओपन कैटेगरी में जारी किया गया था, जिसमें ट्रांसपोर्टिंग का अनुभव रखने वाली कंपनियों को भी शामिल होने की अनुमति थी। इसी कारण टूर एंड ट्रेवल्स और ट्रक परिवहन करने वाली कंपनियां भी इस टेंडर में शामिल हुईं। जीवीके और टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी को पुलिस से संबंधित गाड़ियों के संचालन का अनुभव नहीं है। 33 जिलों में डायल-112 की सेवा शुरू करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने 400 नई गाड़ियां खरीदी थीं। ये गाड़ियां फिलहाल अमलेश्वर बटालियन में खड़ी हैं। एक गाड़ी की कीमत लगभग 15 लाख रुपए है। टेंडर के बाद दिसंबर से ये गाड़ियां सड़कों पर दौड़ेंगी। इसके संचालन के लिए कंपनी को 1590 ड्राइवरों की जरूरत होगी, जो तीन शिफ्टों में काम करेंगे।

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