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RAIPUR. राज्य सरकार ने नेफ्रोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. पुनीत गुप्ता से चिकित्सा शिक्षा के अतिरिक्त संचालक का प्रभार वापस ले लिया है। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से देर शाम आदेश जारी किया गया।
डॉ. गुप्ता को अप्रैल महीने में ही एडिशनल डीएमई बनाया गया था। राज्य सरकार ने इसके पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया है। इसके अलावा डॉ. गुप्ता को भ्रष्टाचार के आरोपों में मार्च में ही क्लीन चिट भी मिल गई थी।
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आदेश में क्या कहा गया है?
आदेश में कहा गया कि डॉ. पुनीत गुप्ता को अतिरिक्त संचालक का प्रभार सौंपा गया था। उन्हें चिकित्सा शिक्षा संचालनालय का अतिरिक्त संचालक बनाया गया। राज्य शासन ने उन्हें इस अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया। ये आदेश सोनचंद साहू, अवर सचिव ने जारी किया।
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7 महीने बाद हटाया गया
4 सालों से भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहे डॉ. पुनीत गुप्ता को मार्च 2025 में क्लीन चिट मिली थी। इसके बाद अप्रैल में उन्हें रायपुर मेडिकल कॉलेज में एडिशनल डीएमई का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। जिसे आप वापस ले लिया गया।
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4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 डॉ. पुनीत गुप्ता पर 4 सालों से भ्रष्टाचार के आरोप थे, विशेष रूप से डीकेएस अस्पताल में 50 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में। हालांकि, मार्च 2025 में उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई थी। 👉 मार्च 2025 में क्लीन चिट मिलने के बाद, अप्रैल में उन्हें रायपुर मेडिकल कॉलेज का एडिशनल डीएमई बनाया गया। अब उनका प्रभार वापस ले लिया गया है। 👉डॉ. गुप्ता नेफ्रोलॉजी विभाग और डीकेएस अस्पताल में डॉ.यरेक्टर के पद पर रह चुके हैं। इस दौरान उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। 👉छत्तीसगढ़ सरकार ने डॉ. गुप्ता का प्रभार वापस लेने का कारण स्पष्ट नहीं किया है, और यह स्थिति अभी तक रहस्य बनी हुई है। |
डीकेएस के डॉयरेक्टर थे डॉ. गुप्ता
डॉ. पुनीत गुप्ता नेफ्रोलॉजी विभाग और डीकेएस अस्पताल में डॉ.डायरेक्टर रह चुके हैं। इस दौरान उन पर 50 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। लंबी जांच के बाद मार्च 2025 में उन्हें क्लीन चिट मिल गई।
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