छत्तीसगढ़ में ISIS के नेटवर्क का खुलासा: ATS ने दो नाबालिगों को पकड़ा, UAPA के तहत पहली FIR दर्ज

छत्तीसगढ़ में ISIS द्वारा अपना नेटवर्क फैलाने की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। आतंकवाद विरोधी दस्ता ने इस मामले में UAPA के तहत पहली FIR दर्ज की है। ISIS हैंडलर्स सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से रायपुर और भिलाई के नाबालिगों को निशाना बना रहे थे।

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Harrison Masih
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Raipur.छत्तीसगढ़ में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) द्वारा अपना नेटवर्क फैलाने की एक गंभीर साजिश का पर्दाफाश हुआ है। राज्य के आतंकवाद विरोधी दस्ता (ATS) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत सोमवार देर रात पहली FIR दर्ज की है।

जांच एजेंसियों के अनुसार, यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान स्थित ISIS मॉड्यूल फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से भारतीय युवाओं और किशोरों को निशाना बनाकर देश में अस्थिरता फैलाने की साजिश रच रहा था।

इंस्टाग्राम से नाबालिगों को बरगलाने की कोशिश

छत्तीसगढ़ एटीएस ने दो नाबालिग लड़कों की पहचान की है, जिनसे पाकिस्तान स्थित ISIS के हैंडुलर्स ने सीधे इंस्टाग्राम के माध्यम से संपर्क स्थापित किया था। पहचाने गए दोनों नाबालिगों में से एक रायपुर और दूसरा दुर्ग-भिलाई क्षेत्र का रहने वाला है। इनकी उम्र 16 और 17 साल बताई जा रही है। खुफिया एजेंसियां करीब डेढ़ साल से इन दोनों संदिग्धों और उनके ऑनलाइन गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए थीं।

जांच एजेंसियों को इनके मोबाइल फोन से कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले कई आपत्तिजनक संदेश और वीडियो मिले हैं। ISIS इन नाबालिगों के जरिए छत्तीसगढ़ की अंदरूनी जानकारी जुटाने और राज्य में अपना मॉड्यूल खड़ा करने के लिए प्रेरित कर रहा था।

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ऐसे समझें पूरा मामला

  1. ISIS का प्रयास: ISIS पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के माध्यम से छत्तीसगढ़ में अपना नेटवर्क और मॉड्यूल बनाने की कोशिश कर रहा था।

  2. टारगेट और माध्यम: ISIS हैंडलर्स ने इंस्टाग्राम पर फर्जी अकाउंट बनाकर रायपुर और भिलाई के रहने वाले दो नाबालिगों को बरगलाया।

  3. सबूत और इरादा: नाबालिगों के मोबाइल से कट्टरपंथी संदेश मिले हैं, जिससे साबित हुआ कि ISIS उन्हें उकसाकर अंदरूनी जानकारी जुटा रहा था।

  4. ATS ने दो नाबालिगों को पकड़ा: राज्य के आतंकवाद विरोधी दस्ता (ATS) ने खुफिया निगरानी के बाद इस मामले में UAPA एक्ट, 1967 के तहत पहली FIR दर्ज की।

  5. निष्कर्ष: यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में देश विरोधी तत्वों के खिलाफ ATS द्वारा की गई एक बड़ी कार्रवाई है, जिसने ISIS की साजिश को विफल कर दिया।

फर्जी अकाउंट्स और जिहादी विचारधारा का प्रसार

ATS अधिकारियों के अनुसार, ISIS हैंडलर्स द्वारा इंस्टाग्राम पर बनाए गए फर्जी अकाउंट्स का उपयोग किया जा रहा था। इन अकाउंट्स के जरिए लगातार युवाओं को ग्रुप चैट में जोड़कर उकसावे भरे मैसेज भेजे जा रहे थे। कट्टरपंथी प्रचार किया जा रहा था। जिहादी विचारधारा का प्रसार किया जा रहा था। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य भारतीय किशोरों को भड़काना और उन्हें छत्तीसगढ़ में ISIS के लिए स्थानीय संपर्क स्थापित करने के लिए तैयार करना था।

ATS की स्थापना के बाद पहली UAPA FIR

यह कार्रवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2017 में ATS की स्थापना के बाद यह पहली FIR है जिसे सीधे ATS ने दर्ज किया है। इससे पहले, UAPA के तहत ऐसी कार्रवाई स्थानीय पुलिस स्टेशनों के माध्यम से की जाती थी।

ATS के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उनकी टीम लगातार देश विरोधी तत्वों और उनके स्थानीय संपर्कों की तलाश कर रही है। उन्होंने जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ ATS की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। छत्तीसगढ़ में ISIS नेटवर्क खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है, और मामले की विस्तृत जांच जारी है।

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