NIA-ATS की छापेमारी : आतंकी संगठन-फंडिंग नेटवर्क का अंदेशा, तीनों मौलवी को अलग-अलग मदरसों से पकड़ा

राजस्थान से तीन मौलवियों को पकड़ा। आतंकी संगठन और फंडिंग नेटवर्क का अंदेशा। तीनों मौलवी को अलग-अलग मदरसों से पकड़ा। एनआईए-एटीएस ने दस्तावेज भी जब्त किए। फिलहाल पूछताछ जारी।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jodhpur. नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने शुक्रवार सुबह राजस्थान में छापेमारी करके तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। तीनों संदिग्ध जोधपुर के है। तीनों संदिग्धों को जोधपुर के रेजीडेंसी इलाके में स्थित एटीएस चौकी में रखा गया है। तीनों को कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच लाया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, तीनों संदिग्ध मौलवी बताए जा रहे हैं। वे अलग-अलग मदरसों में थे और इन्हें मदरसों से पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि तीनों मौलवी के एक आतंकी संगठन से जुड़े होने और उनके लिए फंडिंग नेटवर्क से जुड़े होने का अंदेशा है। पकड़े गए तीनों मौलवी में दो सगे भाई हैं। 

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तीन पर कार्रवाई

एनआईए और एटीएस की टीम ने सुबह दस बजे जोधपुर के चौखा स्थित अरेबिया मदरसा के एक मौलवी अयूब को पकड़ा है। इसके अलावा जोधपुर जिले के ही पीपा क्षेत्र में स्थित एक मदरसे से मौलवी मसूद को हिरासत में लिया है। इसके अलावा जोधपुर संभाग में जालौर जिले के सांचौर इलाके में स्थित एक मदरसे से मौलवी उस्मान को एनआईए और एटीएस टीम ने पकड़ा है।

दो मौलवी सगे भाई

मौलवी उस्मान और मसूद सगे भाई हैं। एनआईए और एटीएस ने तीनों मौलवी की गिरफ्तारी के बाद सर्च ऑपरेशन में इनके पास से कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं। दस्तावेज क्या हैं, इस बारे में फिलहाल खुलासा नहीं किया गया है। 

इसी तरह से एनआईए और एटीएस तीनों मौलवी किस संगठन से जुड़े हैं और इन पर क्या आरोप है, इसका खुलासा बाद में करेगी। तीनों से एटीएस चौकी में पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद ही एनआईए और एटीएस खुलासा करेगी। उधर, इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। खासकर मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच।

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जैसलमेर में पकड़ा संदिग्ध

सीमा सुरक्षा बल ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त के दौरान मुरार बॉर्डर क्षेत्र में एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा। पकड़ा गया व्यक्ति मोहम्मद इकबाल है, जो बिहार का है। संदिग्ध गतिविधियां नजर आने पर बल के जवानों ने उसे पूछताछ की। सीमा क्षेत्र में आने का वह जवाब नहीं दे सका। 

मंशा संदिग्ध लग रही

प्रारंभिक जांच में उसके पास कोई गैर कानूनी दस्तावेज या वस्तु नहीं मिली है, लेकिन बिहारी व्यक्ति के बॉर्डर क्षेत्र में आने की मंशा संदिग्ध लग रही है। सुरक्षा एजेंसियां इकबाल से बॉर्डर क्षेत्र में आने और उसके आपरधिक बैकग्राउंड को लेकर पड़ताल करेगी। फिर स्थानीय पुलिस को सुपुर्द करेगी। पकड़े जाने के बाद से इकबाल पागल होने जैसी हरकतें कर रहा है, जो उसके संदिग्ध व्यवहार को दर्शा रही है।

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पांच जासूस पकड़े जा चुके

एक साल के दौरान जैसलमेर बॉर्डर सीमा में पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए पांच जने पकड़े जा चुके हैं। पुलिस के अनुसार, चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में पठान खान को जासूसी के आरोप में पकड़ा था। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद के निजी सहायक रहे सरकारी कर्मचारी शकूर खान को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया। 

सामरिक सूचनाएं भेजी

इसी तरह एक गेस्ट हाउस मैनेजर महेंद्र प्रसाद को अरेस्ट किया था। उसे पाकिस्तानी हैंडलर को सामरिक सूचनाएं भेजने के आरोप में पकड़ा था। इसी तरह जैसलमेर से जीवन खान एवं हनीफ खान को गिरफ्तार किया है। ये दोनों भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय सेना से जुड़ी सामरिक और गोपनीय सूचनाएं भेज रहे थे।

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झालावाड़ में भी छापेमारी की थी

कुछ महीने पहले एनआईए ने राजस्थान के झालावाड़ और मध्यप्रदेश के भोपाल में भी छापेमारी की थी। एनआईए ने प्रतिबंधित संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से ताल्लुक रखने वाले कुछ लोगों के लिप्त होने की सूचना पर यह कार्रवाई की थी। झालावाड़ में दो स्थानों और भोपाल में तीन स्थानों पर दबिश दी गई है। 

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अराजकता फैलाने की साजिश

एनआईए टीम को झालावाड़ से डिजिटल डिवाइस मिले थे, जिन्हें जब्त करके एनआईए ने एफएसएल को भेजा है। यह प्रतिबंधित आतंकी संगठन देश में अराजकता फैलाने की साजिश कर रहा था। इस संगठन से जुड़े लोग मुस्लिम युवाओं को झांसे में लेकर कट्टरपंथी बनाने और संगठन में भर्ती करने के लिए बरगलाते हैं। इन्हें शरिया कानून लागू करने, इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए हिंसा फैलाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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