गैंगस्टर-बदमाशों को पसंद करने वाले फॉलोअर्स की खैर नहीं, राजस्थान पुलिस की रहेगी पैनी नजर

राजस्थान पुलिस सोशल मीडिया में कुख्यात गैंगस्टर और अपराधियों को फॉलो करने वालों पर कानूनी शिकंजा कसेगी। पहले समझाइश करेगी, नहीं माने तो होगी कानूनी कार्यवाही। नाबालिग किशोरों के माता-पिता को करेंगे पाबंद।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. युवाओं और किशोरों के एक तबके में गैंगस्टर के प्रति लगाव देखा जा रहा है। वे गैंगस्टर को ना केवल पसंद कर रहे हैं, बल्कि उनके झांसे में आकर आपराधिक वारदातों को भी अंजाम देने लगे हैं। लिखने-पढ़ने की उम्र में गैंगस्टर के प्रति यह मोह खतरनाक होने लगा है। राजस्थान में सक्रिय लॉरेंस बिश्नोई गैंग, गैंगस्टर रोहित गोदारा के सदस्यों से झांसे में कुछ युवाओं ने हत्या-रंगदारी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। 

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पुलिस की तैयारी

यह दीवानगी नासूर नहीं बन जाए, इसके लिए राजस्थान पुलिस भी लगातार सोशल मीडिया पर गैंगस्टर को फॉलो करने वाले युवाओं और किशोरों पर पैनी नजर रखती आई है। अब गैंगस्टर के प्रति बढ़ती दीवानगी पर कानूनी अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने तैयारी की है। हाल ही डीजीपी राजस्थान राजीव शर्मा एक अहम बैठक में पुलिस अधिकारियों को सोशल मीडिया पर एक्टिव गैंगस्टर और उन्हें फॉलो करने वालों के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने के सख्त निर्देश दिए थे।

हर गतिविधि पर पूरी नजर

इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों में गैंगस्टर के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही उन्हें फॉलो करने, गैंगस्टर को महिमामंडित करने वाले, उनकी पोस्ट को वायरल करने वाले लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। साथ ही उनका बैकग्राउंड और गतिविधियों पर पूरी नजर रखी जा रही है। 

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साइबर सेल को कमान

हर जिले की साइबर सेल टीम को यह जिम्मा दिया गया है। गैंगस्टर के साथ उनके फॉलोअर्स की जन्मकुंडली तैयार की जा रही है। आपराधिक गतिविधियों में लिप्त युवाओं पर कानूनी कार्यवाही की तैयारी है। साथ ही गैंगस्टर को फॉलो करने वाले नाबालिग किशोरों को समझाइश की जा रही है। उनके अभिभावकों को किशोरों के बारे में बताकर पाबंद किया जा रहा है, ताकि वे अपराधी तत्वों से बच सकें।

सोशल मीडिया से बना रहे फौज

गैंगस्टर सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। वे वारदात करने से पहले धमकियां देते हैं। हथियार लहराते हुए दिखते हैं। गोलीकांड और हत्याकांड की जिम्मेदारी भी सोशल मीडिया पर लेने लगे हैं। एक तरह से गैंगस्टर के लिए सोशल मीडिया धमकाने और प्रसिद्धि पाने का आसान तरीका बन गया है। इनकी शेखी बखारते हुए पोस्ट को देखकर बहुत से युवा और किशोर भी बहक रहे हैं और अपराध के दलदल में फंस जाते हैं। वे उनकी पोस्ट को लाइक, शेयर करने लगते हैं। 

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गैंग बढ़ाने का आसान जरिया

गैंगस्टर भी गैंग बढ़ाने के लिए उनकी पोस्ट को पसंद करने वाले युवाओं और किशोरों को पैसे और दूसरे लालच देकर चंगुल में फंसा रहे हैं। कई युवा उनके झांसे में आकर और कमाई के फेर में उन्हें अपना रोल मॉडल मानने लगते हैं। फिर इन्हें अपराध में लिप्त करने लगते हैं। ये युवा कब शातिर अपराधी हो जाते हैं, पता ही नहीं चल पाता। एक तरह से गैंगस्टर के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गैंग बढ़ाने का आसान जरिया होने लगा है।

पुलिस की पैनी नजर  

डीजीपी शर्मा के निर्देश के बाद सभी जिलों की पुलिस एक्टिव मोड पर आ गई है। हर जिले और थाने की पुलिस के साथ साइबर टीम कुख्यात गैंगस्टर, बदमाशों और अपराधियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर रखे हुए है। अपराधियों को पसंद करने वाले, फॉलो करने वाले और उनकी पोस्ट को शेयर करने वालों पर पुलिस की पैनी नजर है। 

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हो रही जन्मकुंडली तैयार

पुलिस ऐसे लोगों को चिन्हित करके जन्मकुंडली तैयार कर रही है। साथ ही आपराधिक व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही की तैयारी है तो जिनका बैकग्राउंड ठीक है, उन्हें अपराधियों से दूर रहने की नसीहत दी जा रही है। अपराध के दलदल में फंसने पर कानूनी अंजाम और पारिवारिक परेशानियों से अवगत कराया जा रहा है। उनके माता-पिता को भी बच्चों पर नजर रखने और अपराधियों से दूर रहने के लिए पाबंद किया जा रहा है।

काउंसलिंग से अपराध से दूर रहने की सीख

पुलिस ऐसे युवाओं और किशोरों की काउंसलिंग करवाती है, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वे अच्छे परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें गैंगस्टर से दूर करने की सीख दी जाती है। साथ ही अपराध में लिप्त होने पर कानूनी परेशानी के बारे में बताती है।सामाजिक प्रतिष्ठा और परिवार की छवि धूमिल होने के बारे में अवगत कराया जाता है। ऐसे युवाओं के उदाहरण दिए जाते हैं, जो अपराध में फंसकर लंबी सजा काट रहे हैं और उन्हें बचाने के लिए कोई साथ भी नहीं आ रहा है।

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ऑपरेशन शिकंजा से कानूनी नकेल

पुलिस गैंगस्टर को फॉलो और पसंद करने वालों के खिलाफ अलग-अलग जिलों में अभियान चला रही है। फॉलो करने वाले लोगों को चिन्हित करके उनके घर तक पुलिस गई। साथ ही थाने में बुलाकर उनकी काउंसलिंग की गई। वहीं सोशल मीडिया पर अपना रौब झाड़ने वाले अपराधियों पर कानूनी कार्यवाही करते हुए दबिश दी गई। 

हर एंगल से छानबीन

जयपुर पुलिस की ओर से ऑपरेशन शिकंजा के तहत आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर नजर रखी गई। उनके घरों पर दबिश देकर कानूनी कार्यवाही की। उनके वाहन जब्त किए गए। हथियान मिलने पर आर्म्स एक्ट में मुकदमे लगाए। बदमाशों का डोजियर बनवा रहे हैं और उनके मोबाइल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संपर्क में आए लोगों की पड़ताल की जा रही है।

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