बाड़मेर में तस्करी में महिलाएं भी आगे, राजस्थान पुलिस की बढ़ रही चिंता, उठाए जाएंगे सख्त कदम

राजस्थान के बाड़मेर में महिलाओं और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसरों को तस्करी में शामिल कर नशे के कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है। पुलिस ने इस खतरे से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Barmer. पश्चिमी राजस्थान का बाड़मेर जिला अब मादक पदार्थों की तस्करी का नया गढ़ बनता जा रहा है। यहां नशे के काले कारोबार में तस्कर अब नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं, ताकि पुलिस की चेकिंग और नाकेबंदी को चकमा दिया जा सके।

लग्जरी गाड़ियों के साथ-साथ महिलाओं और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर युवतियों को भी इस तस्करी में शामिल किया जा रहा है। यह रणनीति न केवल पुलिस की पकड़ से बचने के लिए है, बल्कि तस्करों के लिए अपने नेटवर्क को और मजबूत करने का एक तरीका भी बन गई है।

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महिलाओं को शामिल करने की रणनीति

बाड़मेर पुलिस ने इस बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए कालिका पेट्रोलिंग टीम को सशक्त बनाया है और अब हर ब्लॉक में पुलिस तैनात कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, नशे की बढ़ती खपत के चलते तस्करों ने महिलाओं और युवतियों को इस काले धंधे में शामिल करना शुरू कर दिया है। स्मैक, अफीम और एमडी जैसे महंगे नशे की सप्लाई के लिए ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को लालच दिया जा रहा है, ताकि वे इन नशे के सामान को सड़क मार्ग से अन्य स्थानों पर भेज सकें।

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महिलाओं के खिलाफ तस्करी के मामले

पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा के अनुसार, बाड़मेर जिले में अब तक चार महिला तस्करों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से धनाऊ थाने में रूपा देवी के खिलाफ अफीम का दूध, चौहटन थाने में अणसी देवी के खिलाफ स्मैक और रागेश्वरी थाने में इमरती और कमला बिश्नोई के खिलाफ डोडा पोस्त के मामले शामिल हैं। इस प्रकार तस्करी के इस कारोबार में महिलाएं भी सक्रिय रूप से शामिल हो रही हैं, जिससे स्थिति और गंभीर होती जा रही है।

डीजीपी की चिंता, पुलिस की सख्ती

पुलिस की सख्ती बढ़ने के बाद तस्करों ने अपनी रणनीति बदल दी है। हाल ही में बाड़मेर की एक महिला तस्कर भंवरी को जालौर जिले के चितलवाना थाना क्षेत्र में एमडी के साथ पकड़ा गया था। इसके अलावा, कुछ महीने पहले दिल्ली पुलिस ने बाड़मेर के एक सेना के जवान गोधुराम और उसकी प्रेमिका देविका को 18 किलो अफीम के दूध के साथ गिरफ्तार किया था। इन घटनाओं ने पुलिस के लिए एक नई चुनौती खड़ी की है, जिसके समाधान के लिए डीजीपी राजीव शर्मा ने बाड़मेर दौरे के दौरान चिंता जताई थी।

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पेट्रोलिंग को सशक्त बनाने की योजना

महिला तस्करों की बढ़ती सक्रियता को लेकर डीजीपी ने बाड़मेर में पेट्रोलिंग को और सशक्त करने का निर्णय लिया। बाड़मेर पुलिस ने कालिका पेट्रोलिंग को और प्रभावी बनाने की योजना बनाई है, साथ ही पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। पुलिस अधीक्षक मीणा ने बताया कि अब महिला पुलिसकर्मियों को सार्वजनिक स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी रखने के लिए तैनात किया जाएगा।

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नशे के जाल को तोड़ने के लिए सख्त कदम

बाड़मेर पुलिस अब नशे के इस जाल को तोड़ने के लिए सख्त कदम उठा रही है। कालिका पेट्रोलिंग की तैनाती के साथ पुलिस तकनीकी और खुफिया तरीकों से तस्करों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। पुलिस अधीक्षक मीणा ने कहा कि उनकी प्राथमिकता न केवल तस्करों को पकड़ना है, बल्कि उन महिलाओं और युवतियों को इस दलदल से बाहर निकालना भी है, जो लालच या मजबूरी में इस काले धंधे में फंसी हुई हैं।

FAQ

1. बाड़मेर में महिलाएं क्यों तस्करी के कारोबार में शामिल हो रही हैं?
नशे के कारोबार में महिलाओं को लालच देकर शामिल किया जा रहा है। उन्हें स्मैक, अफीम और एमडी जैसे महंगे नशे की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
2. बाड़मेर पुलिस इस समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है?
बाड़मेर पुलिस ने कालिका पेट्रोलिंग को सशक्त किया है और अब महिला पुलिसकर्मियों को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनात किया है।
3. क्या बाड़मेर में महिला तस्करों की गिरफ्तारी हो चुकी है?
हां, अब तक बाड़मेर में चार महिला तस्करों के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं, जो नशे की तस्करी में शामिल थीं।

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