नगरीय निकायों में सभी सुविधाएं होंगी ऑनलाइन, यूपीआई से कर सकेंगे भुगतान

छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस योजना के तहत 192 नगरीय निकायों की सेवाओं को ऑनलाइन करने की घोषणा की है। अब नागरिक घर बैठे शहरी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे और यूपीआई से भुगतान भी कर पाएंगे। यह पहल "एक राज्य - एक प्लेटफार्म" के तहत की गई है।

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Arun Tiwari
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Photograph: (The Sootr)

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में ई-गवर्नेस परियोजना के तहत बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश के सभी 192 नगरीय निकायों में नागरिक सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन किया जा रहा है। यह पहल "एक राज्य - एक प्लेटफार्म" और "डिजिटल छत्तीसगढ़" को आगे बढ़ाएगी। इससे नागरिकों को सभी शहरी सेवाएं घर बैठे, समय पर और पारदर्शी रूप से मिलेंगी। इस सुविधा से लोगों को दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।  

एक पोर्टल पर नगरीय निकायों की कई सुविधाएं 

परियोजना के तहत एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा, जिसमें नागरिक सेवा पोर्टल, मोबाइल एप्लीकेशन, भवन अनुमति प्रणाली, वित्तीय प्रबंधन प्रणाली, शिकायत निवारण मॉड्यूल, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली तथा निर्णय सहायता डैशबोर्ड जैसी प्रमुख सेवाएं सम्मिलित होंगी। ये सभी मॉड्यूल क्लाउड आधारित डेटा सेंटर से संचालित होंगे, जिससे सभी नगरों का डेटा सुरक्षित, एकीकृत और रियल-टाइम में उपलब्ध रहेगा।

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सभी कर ऑनलाइन जमा होंगे

छत्तीसगढ़ ई-गवर्नेंस प्रणाली से लोग अपने मोबाइल या कम्प्यूटर से प्रत्येक सेवा का लाभ ले सकेंगे। संपत्ति कर, जल कर, व्यापार कर और ठोस अपशिष्ट शुल्क जैसी सभी देनदारियां ऑनलाइन जमा की जा सकेंगी। नागरिकों को बैंक, यूपीआई भुगतान, वॉलेट या नेट-बैंकिंग जैसे माध्यमों से त्वरित भुगतान की सुविधा मिलेगी, जिससे राज्य के राजस्व संग्रह में वृद्धि होगी।

आम लोगों को सुविधा 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि यह परियोजना आम लोगों को केंद्र में रखकर बनाई गई है और बेहतर प्रशासन की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि ई-गवर्नेंस प्रणाली शुरू होने से पूरे राज्य के नगरीय निकायों का कामकाज एक जैसा और पारदर्शी होगा। फैसले अब तथ्यों और तकनीक के आधार पर लिए जाएंगे, जिससे लोगों को तेज और भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी।

इससे छत्तीसगढ़ में ऐसा सिस्टम बनेगा, जहां जनहित की सुविधाएं कागजों पर नहीं बल्कि डिजिटल माध्यम से घर बैठे भी मिलेंगी। नागरिकों को लगेगा कि सरकार सच में उनके द्वार पर है। उन्होंने कहा कि सेवाएं पारदर्शी होंगी, तकनीक जनकल्याण का साधन बनेगी और छत्तीसगढ़ डिजिटल सुशासन का एक आदर्श उदाहरण बनकर देश में नई पहचान बनाएगा।

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एआई और डेटा एनालिटिक्स का भी उपयोग 

ई-गवर्नेंस परियोजना में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा एनालिटिक्स का भी उपयोग किया जाएगा। यह प्रणाली नागरिकों के शिकायतों के पैटर्न का विश्लेषण कर संभावित समस्याओं का पूर्वानुमान लगाएगी और अधिकारियों के प्रदर्शन का आंकलन करेगी। इससे नीतिगत निर्णयों में सटीकता आएगी और शहरी निकायों का संचालन "स्मार्ट गवर्नेस" के स्तर पर पहुंचेगा।

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