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Raipur. छत्तीसगढ़ के अधिकारी कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन करने के मूड में हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर आंदोलन की रुपरेखा तैयार की जा रही है। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा बता रहे हैं कि वेतन नियमितिकरण जैसे 11 मांगे लंबे समय से लंबित हैं, लेकिन सरकार का ध्यान इस पर नहीं। आंदोलन का उद्देश्य सरकार का ध्यान आकर्षण करवाना है। हालांकि कमल वर्मा ने सरकार से जल्द मांगे पूरी करने की अपील भी की है।
फेडरेशन की कमिटी बनाएगी रणनीति
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा बुलाए गए पदाधिकारी सम्मेलन में प्रदेशभर के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के नेता शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान फेडरेशन द्वारा कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी निश्चितकालीन आंदोलन की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि आंदोलन की अंतिम रणनीति फेडरेशन की कोर कमेटी की बैठक में तय की जाएगी।
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बैठक में पेंशनर्स भी रहे मौजूद
बैठक के दौरान पेंशनर्स के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन पेंशनर्स फोरम के प्रदेश संयोजक बीपी शर्मा ने पेंशनरों के लिए कैशलेस सुविधा के लिए केंद्र सरकार द्वारा पहल करने की मांग की। प्रांतीय संरक्षक सुभाष मिश्रा ने कहा कि विभिन्न संगठनों के प्रांतीय अध्यक्षों का एक मंच पर आना समय की मांग है। उन्होंने प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा फेडरेशन में जताए गए अटूट विश्वास की प्रशंसा की और सभी संगठनों से फेडरेशन के साथ जुड़ने की अपील की।
फेडरेशन की प्रमुख मांगों में शामिल हैं
-केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता ;क्।द्ध लागू किया जाए।
-डीए एरियर्स की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित की जाए।
-सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
-लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
-प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
-सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए।नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।
-अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।
-प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।
-अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।
-दैनिक, अनियमित, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।
-सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।
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