नक्सल अभियान को बड़ी सफलता! गरियाबंद में 10 लाख के इनामी 2 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ सरकार के नक्सल उन्मूलन अभियान को गरियाबंद जिले में बड़ी सफलता मिली है, जहां SDK एरिया कमेटी के सदस्य संतोष उर्फ लालपवन और सीनापाली एरिया कमेटी की सदस्य मंजू उर्फ नंदे ने हथियार डाल दिए हैं। माओवादियों पर 10 लाख का इनाम घोषित था।

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Harrison Masih
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Gariaband: छत्तीसगढ़ सरकार के नक्सल उन्मूलन अभियान को गरियाबंद जिले में एक और बड़ी सफलता मिली है। दो सक्रिय और इनामी माओवादियों ने पुलिस और प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

ये दोनों नक्सली 2010 से सक्रिय थे और कई गंभीर नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले दोनों नक्सलियों पर 5-5 लाख रूपए का इनाम घोषित था, जिससे इन पर कुल 10 लाख रूपए का इनाम था।

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आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली

नक्सली का नामपद/कमेटीइनाम राशिमूल निवासी
संतोष उर्फ लालपवनSDK एरिया कमेटी सदस्य₹5 लाखबस्तर जिला
मंजू उर्फ नंदेसीनापाली एरिया कमेटी सदस्य₹5 लाखबस्तर जिला

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों मूल रूप से बस्तर जिले के निवासी हैं।

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ऐसे समझें पूरी खबर 

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत 2 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया।

सरेंडर करने वाले संतोष उर्फ लालपवन और मंजू उर्फ नंदे पर 5-5 लाख का इनाम घोषित था।

दोनों नक्सली मूलतः बस्तर के निवासी हैं और 10 से अधिक गंभीर नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं।

उन्होंने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ा है।

पुलिस और प्रशासन द्वारा अब इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने और पुनर्वास प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

नक्सली हिंसा का लंबा इतिहास

आत्मसमर्पण करने वाले दोनों नक्सलियों का नक्सल गतिविधियों में एक लंबा और गंभीर इतिहास रहा है:

संतोष उर्फ लालपवन: यह नक्सली 2010 से 2021 तक विभिन्न एरिया कमेटियों में सक्रिय रहा। यह मुख्य रूप से गरियाबंद, धमतरी और बस्तर क्षेत्रों में सशस्त्र दस्ता और कमेटी सदस्य के रूप में काम करता था। यह सुरक्षा बलों पर हमले, आईईडी ब्लास्ट और मुठभेड़ जैसी कई गंभीर घटनाओं में शामिल रहा है।

मंजू उर्फ नंदे: यह नक्सली 2002 से नक्सली संगठन से जुड़ी हुई थी। वह पीएलजीए सदस्य, एरिया कमेटी सदस्य और संगठनात्मक भूमिकाओं में सक्रिय रही। इसकी मुख्य गतिविधियां गरियाबंद-उदंती-सीतानदी क्षेत्र में केंद्रित थीं, जहां वह मुठभेड़ और फायरिंग की कई घटनाओं में शामिल रही।

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पुनर्वास की ओर नया जीवन

पुलिस ने बताया कि इन दोनों नक्सलियों ने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण के बाद, ये दोनों अब मुख्यधारा में जुड़कर एक नया और शांतिपूर्ण जीवन शुरू करेंगे।

पुलिस और प्रशासन की ओर से उनकी पुनर्वास प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसके तहत उन्हें नियमानुसार आर्थिक सहायता और अन्य लाभ प्रदान किए जाएंगे।

गरियाबंद जिले में 2 नक्सलियों का सरेंडर नक्सल उन्मूलन अभियान की निरंतर सफलता को दर्शाता है और अन्य सक्रिय नक्सलियों को हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करेगा।

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