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Raipur. छत्तीसगढ़ सरकार अब अफसरों से बजट और उसके खर्च का हिसाब किताब लेने जा रही है। मुख्य सचिव विकासशील सभी एचओडी, सचिव,कमिश्नर और एमडी की 9 दिसंबर को मैराथन बैठक लेने जा रहे हैं। इस बैठक का एजेंडा बजट लेने और उसके खर्च न होने को लेकर है। इस बैठक में अफसरों को ये बताना होगा कि आखिर उन्होंने बजट लेकर उसे खर्च क्यों नहीं किया।
नए बजट से पहले मुख्य सचिव ने साल 2025-26 के बजट को लेकर यह जानकारी जुटाई कि किन विभागों ने कितना बजट खर्च किया। सूत्रों की मानें तो सीएस को यह जानकारी मिली है कि कई विभागों में बजट होने के बाद भी उसे खर्च नहीं किया। इस पर सरकार ने नाराजगी जताई है। सभी अफसरों से पूरा बही खाता लेकर आने को कहा गया है।
बही खाता के साथ हाजिर हों अफसर :
छत्तीसगढ़ सरकार अब अफसरों की कार्यशैली को लेकर सख्त हो गई है। अब सिर्फ बैठकें नहीं होंगी बल्कि उन बैठकों का फॉलोअप भी होगा। काम की डेडलाइन तय होगी और तय समय में काम नहीं करने वाले अफसरों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। इस जवाबदेही के हिसाब से एक्शन भी होगा। सीएम विष्णुदेव साय ने इसका जिम्मा नए मुख्य सचिव विकासशील को सौंपा है। मुख्यसचिव बैठकों का अब फॉलोअप भी लेने लगे हैं।
9 दिसंबर को वे दिन भर की एक बड़ी बैठक लेने जा रहे हैं, जिसमें सचिवों को बताना होगा, उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन और बजट के पैसों का कितना खर्च किया और नहीं किया तो क्यों नहीं किया। वित्त सचिव मुकेश कुमार बंसल ने एजेंडा के साथ सभी सचिवों को निर्देश जारी कर दिए हैं। अफसरों को बजट और खर्च का पूरा बहीखाता लेकर हाजिर होना है। इस बैठक में सचिव,कमिश्नर और एमडी स्तर के अफसर शामिल होंगे।
समय पर हाजिरी के बाद परफॉर्मेंस की बारी :
मंत्रालय के गेट पर बायोमेट्रिक डिवाइस लगा अफसरों के आने-जाने की टाइमिंग ठीक कराने के बाद अब अफसरों के परफर्मेंस को लेकर सिस्टम गंभीर हो गया है। सचिवों को अब काम करने का टारगेट दिया जाएगा और उसका लगातार फॉलोअप लिया जाएगा। अक्टूबर में सीएम ने बैठक ली थी और 13 नवंबर को मुख्य सचिव ने मंत्रालय में सचिवों की बैठक ली थी।
इस बैठक में खर्च की समीक्षा की गई थी। विशेष सहायत योजना का रिव्यू करते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को टाइम लिमिट में आवश्यक कार्यवाही करने कहा था। इस बैठक में पिछली बैठक में दिए गए कामों की समीक्षा भी होगी। अफसरों से साफ कहा गया है कि पिछली बैठक में जो निर्देश दिए गए थे उनकी समीक्षा की जाएगी।
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यह दिए गए हैं निर्देश :
बैठक मंत्रालय के पांचवे फ्लोर पर ऑडिटोरियम में सुबह 10 बजे से शुरु होगी। वित्त सचिव ने कहा है कि एजेंडा में दिए गए बिंदुओं के अनुसार जानकारी एकत्र कर बैठक में आएं। साथ ही विभागाध्यक्षों याने डायरेक्टर, एमडी को भी लाने का अनुरोध है। यानी उन्हें भी साथ लेकर आना होगा।
ऐसा इसलिए किया गया है कि सचिव अपनी किसी बात या जानकारी को लेकर अपने एचओडी पर न टालें। डायरेक्टर, कमिश्नर, और एमडी मीटिंग में मौजूद रहेंगे तो फिर मौके पर ही सारी बातें साफ हो जाएंगी। सूत्रों की मानें तो बैठक इसलिए है कि कई विभागों के सचिव बजट तो मांग लेते हैं, लेकिन उसे खर्च नहीं करते। यहां तक कि पैसे होने के बाद भी ठेकेदारों, सप्लायरों को भुगतान नहीं हो पाता।
पिछले साल वित्त सचिव मुकेश कुमार बंसल ने कई सचिवों को पत्र लिख आगाह किया था कि टाइम से बजट के पैसे खर्च करें। उन्होंने यह भी लिखा था कि ठेकेदारों और सप्लायरों का भुगतान रोके जाने से करप्शन बढ़ता है। इसलिए पेमेंट लटकाया न जाए। इसके बाद भी अधिकांश विभागों के सचिवों ने इसे अनसुना कर दिया। अब लापरवाही पर अफसरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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