Raipur : खेतों में जमीन धंस जाए तो क्या कीजिएगा? साल 2023 में धमतरी जिले में जमीन धंसने की घटना हुई। जुलाई 2024 में ऐसी ही घटना राजनांदगाँव जिले में हुई। दोनों ही घटनाओं की खबर जिला प्रसाशन को पता थी। मगर घटना की सही पड़ताल केंद्रीय भूमि जल बोर्ड भारत सरकार ने की है। प्रबीर कुमार नायक, क्षेत्रीय निदेशक,केंद्रीय भूमि जल बोर्ड ने the sootr को बताया कि जमीन का धंस जाना बहुत असामान्य तो नहीं है, लेकिन काफी शोध की जरूरत है।
कैसी है संरचना छत्तीसगढ़ की
छत्तीसगढ़ की भूमि के नीचे ग्रेनाइट (सख्त चट्टान) है। ऊपरी हिस्से में भी चट्टान ही है. लेकिन सबसे नीचे के चट्टान के मुकाबले ऊपरी चट्टान प्राकृतिक हलचलों से प्रभावित होता है।
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड का काम
केंद्रीय भूमि-जल बोर्ड (उत्तर-मध्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र) में नाम क़े अनुरूप भू और जल दोनों से जुड़े काम किए जाते हैं। आम भाषा में कहें तो, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण इस विभाग का काम है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारत सरकार का यह इकलौता कार्यालय है।
ये खबर भी पढ़ें...
सड़क दुर्घटना : मौतें और घायलों की संख्या हर साल बढ़ रही, VVIP के लिए दो शिफ्ट में 16 लोग
Sinkhole क्या है
राजनांदगांव जिले के ग्राम केसला में एक किसान के खेत में बीस फीट गहरा गड्डा हो गया। लोगों की आँखे फटी की फटी रह गई। जिला पंचायत क़े अधिकारीयों ने भूमि जल बोर्ड को चिट्ठी लिखकर जमीन धसने के कारणों का पता लगाने कहा गया।
शोध के आधार पर भूमि जल बोर्ड ने क्या कहा
रायपुर,धमतरी,बेमेतरा,बिलासपुर औऱ राजनांदगाँव प्रोटोरोजोईक चट्टानों से घिरा है। दूसरी सतह प्रीकैरैम्बियन की इसके नीचे तीसरी सतह है। तीसरी सतह में कठोर ग्रेनाइट है औऱ यही बेसमेंट है। छत्तीसगढ़ समूह ऊपरी चट्टानें चुना पत्थर, शेल, डोलोमाइट बलुआ पत्थर से बना है। सिंक होल बनने की वजह प्राकृतिक क्षरण है। यह क्षरण बहते हुए पानी की वजह से भी होता है। खास परिस्तिथियो में यह ऊँचे और शुष्क जगह में भी हो सकता है।
ये खबर भी पढ़ें...
Chhattisgarh : खेल- खेल में पानी समझकर दादी की शराब पी गई 3 साल की मासूम, अस्पताल में हुई मौत
धमतरी और राजनांदगांव में क्यों हुआ रहस्यमयी गड्डा
दोनों ही जगहों पर चार्मूरिया चुना पत्थर है। चार्मूरिया मुख्य रूप से कैल्शिसाइट (कैल्शियम कार्बोनेट, CaCO3) से बना है, जैसे-जैसे चट्टान घुलती है। जब सिंक होल के ऊपर की भूमि पतली हो जाती है। तब भार बढ़ने के कारण यह ढह जाती है। ढहने की वजह से गड्डा बन जाता है। यह राजनांदगाँव और धमतरी में हुआ।
सिंक होल या डोलीन क्या भविष्य की आपदा है
भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक प्रबीर कुमार नायक औऱ अन्य एक्सपर्टस क़े मुताबिक प्रारंभिक अध्ययन के अनुसार क्षेत्र में तत्काल कोई खतरा नहीं है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चुना पत्थर के इलाके में सिंक होल या डोलीन बहुत आम हैं, लेकिन क्षेत्र में भविष्य के प्रभाव का आकलन करने के लिए विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें