New Update
/sootr/media/media_files/2025/07/22/chhattisgarh-high-court-expressed-concern-over-the-drying-up-of-river-sources-the-sootr-2025-07-22-12-16-29.jpg)
00:00
/ 00:00
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश की नदियों के सूखते उद्गम स्थलों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। नदियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि नदियों के उद्गम स्थलों की खोज और उनके सूखने के कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया जाए। यह कमेटी प्रदेश की 19 नदियों के संरक्षण पर काम करेगी।
ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, आपराधिक मामले के साथ विभागीय जांच पर रोक
ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा, जांच अधिकारी को गवाहों से जिरह का अधिकार, कांस्टेबल की बर्खास्तगी बरकरार
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सभी नदियों और उनके उद्गम स्थलों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए, क्योंकि वर्तमान में ये कई जगह नाले के रूप में दर्ज हैं। हालांकि, नदियों के हाईटेक सर्वे के लिए 2.60 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को कोर्ट ने खारिज कर दिया।सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने अरपा नदी सहित अन्य नदियों के संरक्षण की मांग उठाई।
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि अरपा नदी में सालभर पानी उपलब्ध कराने और प्रदेश की 9 प्रमुख नदियों के पुनर्जनन की योजना पर काम चल रहा है। सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। याचिकाकर्ताओं ने 2018 में गठित भागवत कमेटी का जिक्र किया, जो नदियों के संरक्षण के लिए बनाई गई थी। हाईकोर्ट ने जोर देकर कहा कि नदियों के उद्गम स्थल सूखने के कारणों की जांच और उनके संरक्षण के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। सरकार ने कमेटी गठन के लिए सहमति जताई है।
thesootr links
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩👦👨👩👧👧
छत्तीसगढ़ नदियाँ संरक्षण | नदी उद्गम स्थल | नदी सूखना छत्तीसगढ़ | नदी संरक्षण समिति