छत्तीसगढ़ के नवगठित मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी जिले के कौड़ीकसा गांव में आर्सेनिक युक्त पानी के उपयोग से फैल रही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। राजनांदगांव से लगभग 55 किमी दूर बसे इस गांव की 2500 की आबादी पिछले चार दशकों से आर्सेनिक दूषित पानी का उपयोग करने को मजबूर है, जिसके कारण चर्म रोग सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ रही हैं। बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों के शरीर पर काले धब्बे और अन्य त्वचा रोगों की शिकायतें आम हैं।
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हाई कोर्ट का सख्त निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की वेकेशन बेंच ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने शपथपत्र में समस्या के समाधान के लिए किए जा रहे उपायों का ब्योरा मांगा है। यह मामला जल संकट और जलभराव से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आया।
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प्रशासन की ओर से किए गए प्रयास
जिला कलेक्टर तूलिका प्रजापति ने बताया कि कौड़ीकसा के पास माइंनिग गतिविधियों के कारण पानी में आर्सेनिक की समस्या उत्पन्न हुई है। इस समस्या से निपटने के लिए 23 गांवों को मल्टी विलेज स्कीम के तहत शिवनाथ नदी से शुद्ध पानी की आपूर्ति शुरू की गई है। इसके अतिरिक्त, टैंकरों के माध्यम से स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए नियमित मेडिकल जांच शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने कहा कि सीएमएचओ को स्वास्थ्य जांच और उपचार के लिए विशेष दल गठित करने को कहा गया है।
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ग्रामीणों की शिकायत
सुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने कोर्ट को बताया कि शुद्ध पानी की आपूर्ति अभी भी अपर्याप्त है, जिसके कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले रिमूवल प्लांट से पानी की आपूर्ति की कोशिश की गई, लेकिन वह नाकाफी साबित हुई। इसके बाद शिवनath नदी से पानी लाने की योजना शुरू की गई, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह भी उनकी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है।
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कोर्ट की कार्रवाई
हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीएचई विभाग को निर्देश दिया है कि वह शपथपत्र के माध्यम से समस्या के समाधान के लिए उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी दे। कोर्ट का यह कदम न केवल कौड़ीकसा बल्कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जल संकट और दूषित पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की उम्मीद जगाता है।
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