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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ शासन ने भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारियों के प्रभार में बदलाव के साथ-साथ उनकी नवीन पदस्थापना की है। दो अलग-अलग तारीखों में जारी इन आदेशों से कुल 15 आईएफएस अधिकारी प्रभावित हुए हैं। यह प्रशासनिक फेरबदल राज्य की वन नीतियों के क्रियान्वयन को और अधिक गति प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य, अपने विशाल वन क्षेत्र और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। ऐसे में, भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारियों [Indian Forest Service Officers] की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। वे न केवल वन संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि वन आधारित समुदायों के जीवन-यापन और राज्य के वन विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
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प्रमुख अधिकारियों को मिली नवीन पदस्थापना
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 7 अक्टूबर को जारी आदेश के अनुसार, कई वरिष्ठ अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं, जो राज्य के वन क्षेत्र के लिए दूरगामी परिणाम दे सकती हैं।
शीर्ष नेतृत्व में बदलाव
आईएफएस प्रेम कुमार (IFS Prem Kumar): इन्हें छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास लिमिटेड का प्रबंध संचालक बनाया गया है। यह पद राज्य के वन विकास परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। वन विकास लिमिटेड का प्रमुख होने के नाते, उनका ध्यान वनरोपण, वन उत्पादों के विपणन और संबंधित बुनियादी ढाँचा विकास पर केंद्रित रहेगा।
आईएफएस संजीता गुप्ता (IFS Sanjita Gupta): इन्हें छत्तीसगढ़ राज्य लघु वन उपज संघ का कार्यकारी संचालक नियुक्त किया गया है। लघु वन उपज राज्य की वन-निर्भर आबादी की आजीविका का एक बड़ा आधार है। उनका काम लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण और उचित मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में प्रभावी प्रबंधन करना होगा।
इन दोनों नियुक्तियों का सीधा असर राज्य की वन अर्थव्यवस्था और वनवासियों के कल्याण पर पड़ेगा। लघु वन उपज संघ का सुदृढ़ीकरण विशेष रूप से आजीविका संवर्धन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
प्रशासनिक पुनर्गठन और विशेषज्ञता का उपयोग
पूर्व में विभाग द्वारा जारी आदेश में भी कई प्रमुख बदलाव किए गए थे, जिनका उद्देश्य अधिकारियों की विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए विशिष्ट क्षेत्रों में प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना था।
आईएफएस राजेश कुमार चतुर्वेदी (IFS Rajesh Kumar Chaturvedi): इन्हें सदस्य सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड से हटाकर मुख्य वन संरक्षक (प्राधिकृत), कोरबा तथा अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना मंडल, कोरबा बनाया गया है।
आईएफएस एसएन बैजलवाल (IFS S.N. Baijalwal): इन्हें प्रमुख वन संरक्षक (वन संरक्षण) तथा सचिवालय, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान टाइगर रिजर्व, अंबिकापुर पदस्थ किया गया है।
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वन विभाग के अन्य प्रमुख अधिकारियों के तबादले
प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए कुछ अधिकारियों को विशिष्ट पोर्टफोलियो सौंपे गए हैं:
आईएफएस डॉ. जी. मैकटो (IFS Dr. G. Makto): इन्हें प्रमुख वन संरक्षक (परियोजना निर्माण, निगरानी एवं मूल्यांकन), नवा रायपुर [PCCF (Project Formulation, Monitoring and Evaluation), Nava Raipur] नियुक्त किया गया है। उनकी भूमिका वन-संबंधी परियोजनाओं के क्रियान्वयन [Implementation of Projects] की निगरानी और उनके प्रभाव का मूल्यांकन करने में महत्वपूर्ण होगी।
महेन्द्र बी. (Mahendra B.): इन्हें प्रमुख वन संरक्षक (जीव एवं जैव विविधता संरक्षण), नवा रायपुर पदस्थ किया गया है। यह पद सीधे तौर पर राज्य की जैव विविधता को संरक्षित करने की नीतियों और रणनीतियों पर केंद्रित होगा।
एम. मणिवेल्ला (M. Manivella): इन्हें प्रमुख वन संरक्षक (प्राधिकृत), दुर्ग तथा अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना मंडल, दुर्ग नियुक्त किया गया है।
मनोज कुमार पाण्डेय (Manoj Kumar Pandey): इन्हें प्रमुख वन संरक्षक (प्राधिकृत), बिलासपुर बनाया गया है।
इन पदस्थापनाओं से यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ शासन राज्य के वन प्रशासन को अधिक विकेंद्रीकृत [Decentralized] और विशिष्टता-आधारित बनाने की दिशा में काम कर रहा है।