विरोध के बाद सरकार का यू-टर्न; छत्तीसगढ़ में जमीन की बढ़ी हुई गाइडलाइन दरें वापस

छत्तीसगढ़ में ज़मीनों की बढ़ी हुई गाइडलाइन को लेकर हो रहे विरोध के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने बढ़ी हुई गाइडलाइन दरों को वापस ले लिया है।

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Arun Tiwari
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Raipur. छत्तीसगढ़ में ज़मीनों की बढ़ी हुई गाइडलाइन को लेकर हो रहे विरोध के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने बढ़ी हुई गाइडलाइन दरों को वापस ले लिया है। प्रदेश में गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण के संबंध में प्राप्त सुझावों, ज्ञापनों और प्रस्तावों पर व्यापक परीक्षण करने के बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश के नगरीय विकास, रियल एस्टेट सेक्टर और आम नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की प्रणाली समाप्त

बैठक में निर्णय लिया गया कि नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की वर्तमान प्रणाली को समाप्त कर दिया जाए। अब पुनः पूर्व प्रचलित उपबंध लागू होंगे, जिसके तहत नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन किया जाएगा। इस बदलाव से मूल्यांकन प्रक्रिया सरल होने के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

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मूल्यांकन का प्रावधान हटाया गया

बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान एवं कार्यालय के अंतरण पर सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना का प्रावधान भी हटा दिया गया है। अब मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया के आधार पर किया जाएगा। यह प्रावधान मध्यप्रदेश शासन के समय से लागू था, जिसे बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। नए प्रावधान से वर्टिकल डेवलपमेंट को गति मिलेगी और शहरी भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।

बहुमंजिला भवनों और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के नई छूट

केंद्रीय बोर्ड ने बहुमंजिला भवनों एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए मूल्यांकन में छूट के नए प्रावधान भी लागू किए हैं। अब बेसमेंट और प्रथम तल पर 10 प्रतिशत तथा द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20 प्रतिशत की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इस निर्णय से मध्यम वर्ग को किफायती दरों पर फ्लैट और व्यावसायिक स्थान मिलने में मदद मिलेगी। कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में 20 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित संपत्तियों के लिए 25 प्रतिशत कमी के साथ भूखंड की दरों का मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर की दूरी का आकलन मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित हिस्से से किया जाएगा, जिससे वास्तविक स्थिति के आधार पर अधिक न्यायसंगत मूल्यांकन संभव होगा।

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31 दिसंबर तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश

केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समितियों को यह भी निर्देशित किया है कि हाल ही में दरों में वृद्धि के बाद प्राप्त आपत्तियों, ज्ञापनों और सुझावों का परीक्षण कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें। इन प्रस्तावों का विश्लेषण कर बोर्ड आगामी गाइडलाइन दरों पर अंतिम निर्णय लेगा।

भूपेश बघेल और बृजमोहन अग्रवाल ने भी जताया था विरोध

छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइन को लेकर भूपेश बघेल ने आरोप लगाया था कि भाजपा कांग्रेस से डरकर लोगों को विपक्षी नेताओं से मिलने से रोक रही है, जबकि जमीन कारोबार से जुड़े लोग अफसरों और मंत्रियों से नाराज होकर मिल रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को भी विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा के वरिष्ठ नेता और रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गाइडलाइन स्थगित करने की मांग की थी, यह कहते हुए कि इससे जमीन खरीद-फरोख्त ठप हो जाएगी और केवल 1% किसानों को लाभ जबकि 99% लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।

इन सभी निर्णयों को तत्काल प्रभाव से लागू घोषित किया गया है, जिससे राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता, पारदर्शिता और किफायती आवास उपलब्ध कराने के प्रयासों को नई दिशा मिलेगी।

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