20 नवंबर से लागू होगी जमीन की नई गाइडलाइन रेट, 25 साल बाद मूल्यों में बड़ा बदलाव

छत्तीसगढ़ में 20 नवंबर से नई कलेक्टर गाइडलाइन रेट लागू होंगी। पंजीयन महानिरीक्षक और मुद्रांक कार्यालय ने आदेश जारी किया। नए नियमों से रजिस्ट्री प्रक्रिया सरल होगी। अतिरिक्त शुल्क समाप्त कर दिया गया है।

author-image
VINAY VERMA
New Update
new-land-guideline-rates
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

RAIPUR. छत्तीसगढ़ में जमीन और मकान से जुड़ी नई कलेक्टर गाइडलाइन रेट 20 नवंबर से लागू होंगी। इसके लिए पंजीयन महानिरीक्षक एवं अधीक्षक मुद्रांक कार्यालय ने आदेश जारी कर दिया है। सभी जिला कलेक्टर और पंजीयकों को पत्र जारी कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ नियमों में बदलाव की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि नए नियम से रजिस्ट्री की प्रक्रिया और आसान होगी। अतिरिक्त शुल्क भी समाप्त किया गया है।

क्या होता है कलेक्टर गाइडलाइन

कलेक्टर गाइडलाइन रेट का मतलब होता है किसी भी जमीन या भवन की सरकारी कीमत। विक्रेता न ही इससे कम कीमत में भवन या जमीन बेच सकता है ना ही उसकी रजिस्ट्री होती है। कलेक्टर द्वारा कीमत तय करने के पीछे का कारण विक्रेता को उसकी सम्पत्ति की सही कीमत मिलना है। 

राजस्व के अधिकारी इसका वैलुएशन कर संपत्ति की कीमत तय करते हैं। क्रेता को उसी आधार पर सरकार को स्टाम्प ड्यूटी चुकानी होती है। गाइडलाइन दरों के निर्धारण संबंधी ये नियम वर्ष 2000 से बने हुए थे। इनमें कोई परिवर्तन या संशोधन नहीं हुआ था।

ये भी पढ़ें...कृषि यंत्र अनुदान योजना से छत्तीसगढ़ के किसानों को 40-70 फीसदी तक मिलेगी सब्सिडी

ये भी पढ़ें...छत्तीसगढ़ श्रम अन्न योजना: छत्तीसगढ़ सरकार 5 रुपए में मजदूरों को दे रही है भरपेट खाना, जानें कैसे

दोगुनी हो सकती है कीमत

छत्तीसगढ़ मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर गाइडलाइन संबंधी नियमों के पुनरीक्षण के लिए उद्देश्य निर्धारित किया गया था। साथ ही इसे सॉफ्टवेयर के जरिए ऑटोमैटिक करने की प्रक्रिया की गई है। बताया जा रहा है कि इस नए गाइडलाइन रेट के तहत जमीनों की कीमत पहले की तुलना में डेढ़ से दोगुनी हो सकती है।

4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी 

👉कलेक्टर गाइडलाइन रेट सरकारी मूल्य है जो संपत्ति की कीमत तय करता है। विक्रेता इसे कम कीमत पर नहीं बेच सकता। रजिस्ट्री भी इससे कम कीमत पर नहीं हो सकती। इसका उद्देश्य विक्रेता को सही कीमत दिलाना है।

👉नए गाइडलाइन रेट से रजिस्ट्री प्रक्रिया ( Land registry Process) सरल होगी। कुछ नियमों में बदलाव किया गया है। अतिरिक्त शुल्क को समाप्त कर दिया गया है।

👉गाइडलाइन दरों के निर्धारण संबंधी नियम 2000 से लागू हैं, और उनमें कोई बड़ा बदलाव या संशोधन नहीं हुआ था।

👉नए गाइडलाइन रेट्स के तहत जमीनों की कीमत पहले की तुलना में डेढ़ से दोगुनी हो सकती है। यह बदलाव राजस्व मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर किया गया है।

ये भी पढ़ें...CG Job News: छत्तीसगढ़ में प्लेसमेंट कैंप का आयोजन, 80 पदों पर भर्ती, 24 और 25 नवंबर को रहें तैयार

ये भी पढ़ें...छत्तीसगढ़ में ISIS के नेटवर्क का खुलासा: ATS ने दो नाबालिगों को पकड़ा, UAPA के तहत पहली FIR दर्ज

छत्तीसगढ़ राजस्व Land registry Process छत्तीसगढ़ मंत्री ओपी चौधरी कलेक्टर गाइडलाइन रेट
Advertisment